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धौलपुर

चंबल नदी में नहाने उतरे दो युवक डूबे, खुली प्रशासन व्यवस्थाओं की पोल

चंबल में नहाने पहुंचे चार युवकों में दो युवक नदी के बहाव क्षेत्र में डूब गए। जिला प्रशासन व पुलिस ने चंबल नदी में तलाशी अभियान भी चलाया, लेकिन दोनों युवकों को कोई सुराग नहीं लगा सका।

धौलपुरAug 27, 2020 / 09:23 pm

Kamlesh Sharma

Two young men drowned in Chambal river

चंबल में नहाने पहुंचे चार युवकों में दो युवक नदी के बहाव क्षेत्र में डूब गए। जिला प्रशासन व पुलिस ने चंबल नदी में तलाशी अभियान भी चलाया, लेकिन दोनों युवकों को कोई सुराग नहीं लगा सका।

धौलपुर। कहने को चंबल नदी में लगातार पानी की आवक पर जिला प्रशासन की ओर से तमाम कागजी दावे कर रहा है, लेकिन असल हकीकत की पोल यहां गुरूवार को खुल गई। चंबल में नहाने पहुंचे चार युवकों में दो युवक नदी के बहाव क्षेत्र में डूब गए। जिला प्रशासन व पुलिस ने चंबल नदी में तलाशी अभियान भी चलाया, लेकिन दोनों युवकों को कोई सुराग नहीं लगा सका। युवकों के चंबल नदी के बहाव क्षेत्र तक पहुंचना प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहा है।
जानकारी के अनुसार शहर की कायस्थ पाड़ा कॉलोनी निवासी रोहन यादव, छोटू, जावेद और चित्राशं गुरूवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे चंबल नदी पहुंचे। यहां नदी के बहाव को देखते हुए चार युवकों नहाने के लिए उतर गए। इस दौरान नदी के बहाव क्षेत्र में पहुंचने पर रोहन व छोटू पानी में डूब गए। अपने साथियों को डूबता देख जावेद और चित्राशं ने हल्ला मचाते हुए इन्हें बचाने का प्रयास भी किया।
सूचना मिलने पर जिला प्रशासन व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और सिविल डिफेंस की टीम को बुलाकर कर पानी में डूबे रोहन व छोटू की तलाश के लिए अभियान शुरू किया। करीब तीन घंटे तक आसपास के क्षेत्र में दोनों युवकों की तलाश की गई, लेकिन कोई जानकारी नहीं हो सकी है। प्रशासन की ओर से एसडीआरएफ की टीम को सरमथुरा से युवकों की तलाश के लिए बुलाया गया है। देर शाम तक चले तलाशी अभियान के दौरान दोनों युवकों का कोई भी सुराग नहीं लगा सका है।
खुली प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल
चम्बल नदी में पार्वती, कोटा बैराज, पाली घाट, कालीसिंध एवं अन्य नदी नालों का पानी आने पर चंबल का जल स्तर खतरे के निशान को दो दिन पहले पार कर चुका है। ऐसे में जिला प्रशासन ने बाढ़ के हालात बनने की स्थिति में इसके लिए सजगता व जागरूकता के लिए जिला प्रशासन ने अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए। लेकिन इन निर्देशों की पालना कितनी हो रही इसे देखने वाला कोई नहीं है।
दो दिन पहले खतरे की निशान पार कर चुकी चंबल नदी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर कोई भी संकेतन नहीं लगाए है। ऐसे में चंबल नदी के पुराने पुल से लोगों के आवागमन को दौर जारी है। इतना ही नहीं चंबल के बहाव क्षेत्र में लोगों को रोकेने के लिए भी जिला प्रशासन की ओर कोई भी निर्देश दिए है, ऐसे में कोई भी व्यक्ति चंबल नदी के बहाव क्षेत्र के तक आसानी से पहुंच सकता है।
पहले हादसों के बाद भी नहीं चेता प्रशासन
चंबल नदी में लोगों के डूबने के बाद जिला प्रशासन की ओर से ऐतिहातन तौर पर चंबल नदी क्षेत्र के आसपास कोई भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए है। गत वर्ष गणेश विर्सजन के दौरान अलग-अलग स्थानों पर नदी में करीब डेढ़ दर्जन लोग डूब चुके है। इसमें आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है।
इसके बाद भी नदी के बहाव क्षेत्र को प्रतिबंधित करने के लिए किसी भी कार्मिक की जिम्मेदारी तय नहीं की गई। शाम होने के बाद चंबल नदी के पुराने पुल व बहाव क्षेत्र पर लोग पहुंच जाते है। ऐसे में देर शाम होने के बाद यहां शराबियों का जमाबड़ा भी लगा रहता है। ऐसे में यहां बड़ा हादसा होने की संभावना भी बनी रहती है, लेकिन इसे लेकर प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है।

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