बता दें कि शराब का सेवन सीधे तौर पर हार्ट अटैक का कारण नहीं बनता है। मगर यह दिल के दौरे के लिए एक जोखिम कारक है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ हार्ट के अनुसार बहुत अधिक शराब पीने से रक्त में वसा का स्तर बढ़ सकता है, जिसे ट्राइग्लिसराइड्स कहा जाता है। उच्च एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल या कम एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल के साथ संयुक्त उच्च ट्राइग्लिसराइड स्तर आर्टरी की दीवारों में फैटी बिल्डअप से जुड़ा हुआ है। जिससे बीपी भी बढ़ता है और दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
शराब का सीधा असर इन अंगों पर होता है
शराब का सीधा असर हार्ट पर नहीं होता, लेकिन लिवर और किडनी पर इसका सीधा असर होता है। इसके साथ ही ये हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह बनता है जिससे कार्डियोमायोपैथी, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। इतना ही नहीं शराब मस्तिष्क के काम करने का तरीका प्रभावित कतरी है।
जो लोग कभी-कभी या कम मात्रा में शराब पीते हैं तो उनमें रोजाना शराब पीने वाले की तुलना में हार्ट अटैक का जोखिम कम होगा, लेकिन जो नहीं पीते उनकी तुलना में कम पीने वालों का भी जोखिम ज्यादा होता है। अगर आप महीने में एक दिन ही अधिक मात्रा में शराब पीते हैं तो आपको रोज पीने वालों जैसी ही जोखिम बना रहेगा।
अत्यधिक मात्रा में शराब पीने से रक्तचाप बढ़ जाता है (दिल के दौरे के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक) अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन उन हार्ट रोगियों को बहुत ही सीमित मात्रा में वाइन पीने की सलाह देते हैं, क्योंकि इसमें अलकोहल बहुत कम प्रतिशत में होता है।
पुरुषों के लिए कभी-कभी एक या दो ड्रिंक और महिलाओं के लिए एक पैग मॉडरेशन ड्रिंक कहलाता है। डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।