रक्त विकार से बचाव : विटामिन-सी से युक्त होने के कारण यह रक्त वाहिनियों को लचीला बनाने के अलावा रक्तसंचार दुरुस्त करती है। साथ ही नई रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होती है।
एसिडिटी दूर करे : इसके प्रयोग से पेट को ठंडक मिलती है। खराब खान पान से उभरे रोगों से बचाती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता : चटनी या सब्जी में इसके प्रयोग से स्वाद बढ़ने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
लिवर के लिए फायदेमंद : लौंजी के रूप में खाए जाने वाली कैरी आंतों में होने वाले संक्रमण को कुदरती रूप से दूर कर लिवर को दुरुस्त रखती है।
वजन में कमी : कच्चा आम वजन कम करता है। इसमें ऐसा खास फाइबर पाया जाता है जो शरीर की अतिरिक्त वसा को दूर करता है। आम के पत्तों को पीसकर लेप की तरह चेहरे पर लगाने से त्वचा निखरती है।
पेट संबंधी परेशानियों से बचाव –
बारिश का मौसम आते ही पेट संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं जैसे पेट में दर्द, बदहजमी, दस्त व उल्टियां होना। पेट में गैस, जलन व एसिडिटी इन दिनों आम बात है।
इन दिनों खाना भी जल्दी खराब होने लगता है साथ ही दूषित पानी के पेट में जाने से पेट फूलने, भूख ना लगने और कब्ज की दिक्कत होती है।
दिनभर में एक बार पेट भर के खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा हल्का भोजन लें।
नींबू पानी, नारियल पानी व छाछ के अलावा खीरा, ककड़ी, तरबूज और खरबूजा जैसे रसीले फलों को आहार में शामिल कर सकते हैं ताकि ऊर्जा मिलने के साथ ही शरीर में पानी की कमी से बचा जा सके।
जितना संभव हो तले-भुने व मसालेदार भोजन को कम ही खाएं। इसके बजाय घर का ताजा और पका खाना ही खाएं। मार्केट में खुले में बिकने वाले कटे फल व सब्जी में बैक्टीरिया व वायरस की आशंका रहती है इसलिए ताजा और हरी सब्जियां व फल धोकर खाएं।
पीने का पानी छानकर ही पीएं।
खुली हवा में बैठकर अनुलोम-विलोम और शीतली प्राणायाम करते रहना भी गर्मी के मौसम में अच्छा प्रभाव डालता है।