लक्षण : बार-बार डायरिया, लगातार पेट फूलना, एसिडिटी व पेटदर्द, शरीर पर सूजन, खून व विटामिन-के की कमी, कब्ज, भूख न लगना, चिड़चिड़ापन, वयस्क लोगों में कैल्शियम की कमी या ऑस्टियोपोरोसिस। महिलाओं में अनियमित माहवारी, प्रजनन क्षमता में कमी, गर्भपात आदि।
इलाज : होम्योपैथी दवा से इस बीमारी में राहत मिल सकती है। इसमें आंतों के संक्रमण को ठीक कर विलाई का आकार ठीक किया जाता है जिससे भोजन का अवशोषण होने लगता है व मरीज को आराम मिलता है।