विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार एक व्यस्क को एक दिन में पांच ग्राम से अधिक नमक नहीं खाना चाहिए। जबकि रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के डेटा के अनुसार पुरुष औसतन दस ग्राम और महिला आठ ग्राम से अधिक नमक का उपभोग करती हैं। जो इसकी दैनिक खुराक से ज्यादा होता है।
बॉन विश्वविद्यालय में प्रायोगिक इम्यूनोलॉजी संस्थान के प्रोफेसर डॉ क्रिश्चियन कुर्ट्स ने कहा कि नमक में सोडियम क्लोराइड होता है जो रक्तचाप बढ़ा सकता है, जिससे हृदय रोग भी हो सकते हैं। लेकिन हम पहली बार यह साबित करने में भी सक्षम हुए हैं कि अत्यधिक नमक का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर करता है।
शोध में कहा गया है कि गुर्दे में सोडियम क्लोराइड सेंसर होता है जो नमक उत्सर्जन कार्य को सक्रिय करता है। लेकिन, यह सेंसर ग्लूकोकार्टिकोआड्स को शरीर में जमा होने का कारण भी बना सकता है। इससे ग्रैनुलोसाइट्स के कामकाज में बाधा आ सकती है, जो रक्त में प्रतिरक्षा कोशिका का सबसे आम प्रकार है।
अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ कटारजी जोबिन ने खुलासा किया हम एक लिस्टेरिया संक्रमण के साथ चूहों पर किए प्रयोग में ये बात साबित हुई। प्रयोग के दौरान हमने कुछ चूहों को उच्च नमक वाले आहार पर रखा था। साथ ही इन जानवरों की प्लीहा और यकृत में हमने 100 से 1,000 गुना रोग पैदा करने वाले रोगजनकों की गिनती की।
मानव स्वयंसेवकों पर भी इसी तरह का अध्ययन किया गया था। जिसके परिणाम पत्रिका ‘साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन’ में प्रकाशित हुए। प्रोफेसर कुर्ते ने कहा कि हमने उन स्वयंसेवकों की जांच की, जिन्होंने अपने दैनिक सेवन के अलावा छह ग्राम अधिक नमक का सेवन किया। एक सप्ताह के बाद, वैज्ञानिकों ने स्वयंसेवकों की रक्त में ग्रैन्यूलोसाइट्स की जांच की। जांच में सामने आया कि अधिक नमक खाने से इम्यून सेल्स को बैक्टीरिया जल्द और बरी तरह खराब करता है। इसलिए इम्यूनिटी सिस्टम की मजबूती के लिए सीमित मात्रा में ही नमक का प्रयोग करें।