पोषक तत्त्व : इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन विटामिन सी, बी6, मैगनीज प्रचुर मात्रा में मिलता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम भी मिलता है।
ध्यान रखें : पित्त, खांसी और गुर्दे संबंधी रोग में जंगली प्याज नहीं लेना चाहिए। अधिक प्रयोग करने पर पेट में जलन होने लगती है।
प्रयोग –
पैरों के तलवों में जलन होने पर जंगली प्याज को पत्थर पर घिसकर दो बार लगाने से आराम मिल सकता है। त्वचा संबंधी समस्या में भी ये कारगर है। प्याज की जड़ का चूर्ण सुबह-शाम 200 मिलीग्राम की मात्रा में लें। जड़ का रस 2-3 बार त्वचा पर लगाने से आराम मिल सकता है।
फायदे –
कमर और घुटनों के दर्द में जंगली प्याज को सरसों के तेल में काला होने तक पकाएं। इसके बाद ठंडा होने के बाद इसको लगाने से काफी फायदा मिलता है। इसके अलावा हृदय रोग, चोट, गुर्दे और पेशाब में रुकावट संबंधी समस्याओं में लाभदायक है।