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इस तरह के रोग का योगा से करें बचाव

हमारे शरीर में सहानुभूति देने वाला एक स्नायुतंत्र है, जिसे सिम्पथैटिक नर्वस सिस्टम कहते हैं। इसे डर या खतरे का आभास होता है तो फाइट और फ्लाइट सिंड्रोम अवस्था उत्पन्न होती है

Jul 13, 2017 / 08:31 pm

विकास गुप्ता

Flight syndrome

Flight syndrome

हमारे शरीर में सहानुभूति देने वाला एक स्नायुतंत्र है, जिसे सिम्पथैटिक नर्वस सिस्टम कहते हैं। इसे डर या खतरे का आभास होता है तो फाइट और फ्लाइट सिंड्रोम अवस्था उत्पन्न होती है। चिकित्सा विज्ञान ने मान लिया है कि अधिकतर रोगों का कारण है साइकोसोमैटिक प्रवृत्ति। 

आसपास संकट की वजह
जब शरीर को सहानुभूति देने वाला स्नायुतंत्र डर या खतरे का संकेत पाता है तो ये लक्षण जन्म लेते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे पति या पत्नी को एक-दूसरे से परेशानी, उपद्रवी संतान से लेकर डिफिकल्ट बॉस तक। 

योग दूर रखेगा फाइट-फ्लाइट सिंड्रोम से
फाइट और फ्लाइट सिंड्रोम अवस्था से बचने के लिए दवाओं से ज्यादा कारगर है ध्यान व योग। योग में कर्ई मुद्राएं हैं जो शरीर की सबसे लंबी वेगस तंत्रिका को प्रभावित करती है। पीछे की तरफ मुडऩे वाले आसन शरीर की तनाव गं्रथि व एड्रिनल गं्रथि को रिलेक्स करते हैं। शरीर की मांसपेशी तंत्र में खिंचाव और आराम तनाव से मुक्ति दिलाता है। श्वसन खासकर अनुलोम-विलोम बंद ऊर्जा वाहिनियों को खोलकर तनाव घटाता है। 

लक्षण भी देखें
किसी भी काम में हड़बड़ाहट दिखाना।
खाना खाने व चलने-उठने-बैठने में अकारण जल्दबाजी।
कई काम एक साथ करना।
दूसरों की नहीं सुनना। अपनी बात कहने की अकारण आतुरता। जल्दी-जल्दी बोलना।
समय होते हुए भी आराम ना कर पाना। शांत ना रहना।
परफेक्शनिस्ट होने की जिद।
खुद को आक्रामक, प्रतिस्पर्धी व दूसरों से बेहतर समझना व साबित करना।
अक्सर परेशान रहना व अकारण खीजते रहना

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