मूली सर्दी में पैदा की जाती है और इस दौरान सर्दी—जुकाम का भी ज्यादा दौर रहता है। अगर आप रोजाना मूली खाते हैं तो इससे सर्दी, खांसी भी दूर होती है। इसकी वहज इसमें मौजूद एंटी—कांजेस्टिव गुण है।
मूली में अन्य गुणोें के अलावा विटामिन C, एंथोकाइनिन और फॉलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इन गुणों की वजह से मूली कैंसर से लड़ने में मदद करती है। विशेषकर किडनी, पेट, आंत और मुंह के कैंसर में मूली कारगर साबित होती है।
मूली को सलाद के रूप में या सीधे खाने से दांत—मसूड़ों की बीमारियों में राहत मिलती है वहीं अगर इसका रस निकाल कर कुल्ला किया जाए या मला जाए तो भी दांतों—मसूड़ों की बीमारियां नहीं पनपती हैं। पायरिया जैसे दंत रोगों में भी इससे फायदा मिलता है।
मूली की एक और खास बात है जिसके चलते इसके उपयोग की सलाह दी जाती है। डायबिटीज रोगियों के लिए यह बेहद काम का उपाय है। मूली इंसुलिन को नियंत्रित रखती है। साथ ही शूगर लेवल को भी बैलेंस करती है। इससे डायबिटीज पर नियंत्रण रहता है।
बुजुर्गों को आज भी आप यह कहते सुन सकते हैं कि मूली खाने से कील मुंहासे, घमोरियां और अन्य त्वचा संबंधी विकार नहीं होते हैं। इसमें मौजूद बी कॉम्पलेक्स, जिंक, विटामिन सी और फॉस्फोरस त्वचा को फ्रेश बनाए रखता है।