आम को कच्चा और पका दोनों रूपों में खा सकते हैं । गर्मी में कैरी का पना लू से बचा ता है । इससे बने आचा र , चटनी स्वा दिष्ट होने के साथ रोग प्रति रोधक क्षमता बढ़ाते हैं । इसमें कार्बोहा इड्रेट, फॉस्फो रस, विटा मिन-ए व सी, पोटै शियम, लौह, कैल्शि यम, मैग्नी शियम के अलावा 25 प्रकार के कैरोटे नॉयड्स होते हैं , जो शरी र में ऊर्जा का स्तर बढ़ाते हैं ।
* आम में आय रन और मैग्नी शियम जैसे तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं । यह खून की कमी को पूरा करता है । गर्भ वती और मेनो पॉज की अवस्था वाली महि लाओं व बच्चों के शारी रिक विकास में सहा यक है ।
* आम में मौजू द एंटी ऑक्सीडेंट्स को लोन, ब्रेस्ट, ल्यूके मिया व प्रोस्टेट कैंसर से बचा ते हैं। इसमें क्यू र्सेटिन, फिसे टिन तत्त्व कैंसर टिश्यूज को बनने से रोक ते हैं ।
*आम के पत्ते रक्तमें इंसुलि न का स्तर नियं त्रित कर डाय बिटीज से निजात दिला सकते हैं । रात को आम के 4-5 पत्ते थोड़े पानी में उबा ल लें। सुबह पत्तों को अच्छी तरह मस लकर पानी छान लें। इसे खाली पेट कुछ दिन तक पीने से फा यदा होता है।
* कैरी आंखों की रोशनी बढ़ाने, टॉक्सिन बाहर निका लने और नसें लची ला रखती है ।
* इसमें शुगर व कैलोरी कम होने के साथ पेक्टिन ना मक तत्त्व होता है जो पथरी नहीं बनने देता । कैरी की फांक को नमक व शह द के साथ मिला कर खाने से डाय रिया, कब्ज, अपच व पाइ ल्स में भी लाभ देता है ।