येल यूनिवर्सिटी के एक शोध में पाया गया कि कॉर्नफ्लेक्स खाने से बच्चे अनजाने में शुगर का जरूरत से ज्यादा सेवन कर रहे हैं। बंगलुरु की पोषण विशेषज्ञ रिआन फर्नेन्डो कहती हैं, कि कॉर्नफ्लेक्स का ग्लिसमिक इंडेक्स (जी आई) काफी ऊंचा है। यह 80 है, जबकि चीनी की जीआई वैल्यू 100 होती है। जीआई इस चीज का माप संकेतक है कि किसी खास तरह के फूड के सेवन के बाद ब्लड शुगर लेवल कितनी जल्दी बढ़ जाता है। कॉर्नफ्लेक्स के कई ब्रांडों में शुगर 28-30 फीसदी तक पाई जाती है। दिन भर में चार टेबलस्पून से ज्यादा एडेड शुगर लेना अनहैल्दी होता है। एडेड शुगर यानी फलों और दूध आदि में मौजूद कुदरती शुगर से अलग मात्रा में शुगर का सेवन नहीं करना चाहिए।
कॉर्नफ्लेक्स के नुकसान –
कॉर्नफ्लेक्स का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से एलर्जी और त्वचा पर चकत्ते, उल्टी आदि की समस्याएं होने लगती हैं। ज्यादा मात्रा में कॉर्नफ्लेक्स का सेवन करने से आपको पिलाग्रा (Pellagra) होने का खतरा रहता है। विटामिन्स की कमी को पिलाग्रा कहते हैं। कॉर्नफ्लेक्स मधुमेह से पीड़ित लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, इससे खून में शुगर का लेवल बढ़ा जाता है। कॉर्नफ्लेक्स की ज्यादा खुराक आपके पेट के लिए बुरी हो सकती है जिससे आपको खाना पचाने में मुश्किल हो सकती है। कॉर्नफ्लेक्स को कच्चा नहीं खाना चाहिए इससे पेट खराब हो सकता है।