सर्वे में उठे सवाल
9 मार्च 2019 को उपसंचालक शहरी विकास अभिकरण डिंडोरी को तहसीलदार कार्यालय व्दारा पत्र क्र./तह/2019 मे भेजी गई जानकारी मे वर्णित है कि नपं व्दारा 283 हितग्राहियो की सूची एसडीएम कार्यालय मे प्रस्तुत की गयी थी परन्तु सूची मे संबंधित दस्तावेज संलग्न करके नही भेजा गया था। नपं को बार बार स्मरण पत्र भेजे जाने के बाद भी ध्यान नही दिया गया। जिसके बाद सूची को ही आधार मानकर राजस्व अमले के व्दारा टीम गठित कर घर घर जाकर सर्वे किया गया तथा हितग्राहियो के बताये अनुसार सत्यापन किया गया। सर्वे के समय सम्पत्तिकर रजिस्टर व मकान के दस्तावेज नही दिखाये जाने से हितग्राही जिस मकान मे निवास करता है वह उसी का है स्पष्ट नही हो पाया। विधायक शहपुरा भूपेन्द्र मरावी ने कहा कि आवास योजना के तहत हितग्राहियो को लाभ मिलना चाहिए मामले मे उच्च अधिकारियो से चर्चा कर समस्या का निराकरण किया जावेगा। शहपुरा तहसीलदार एनएल वर्मा ने कहा कि हितग्राहियो के चयन के संबंध मे तहसीदार के पास कोई अधिकार नहीं होते, एसडीएम के आदेशानुसार मेरे व्दारा प्राप्त सूची का सर्वे करवा प्राप्त स्थिति से जूडी सूची तैयार कर एसडीएम को प्रेषित की गई है। हितग्राहियो को पात्र व अपात्र करने का अधिकार नपं सहित शहरी विकास प्राधिकरण के पास है।
हितग्राही परेशान
राजस्व विभाग कह रहा है कि सूची का सर्वे कर कलेक्टर को भेजी जा चुकी है वहीं दूसरी ओर नपं के जिम्मेदार जन प्रतिनिधि कह रहे है कि सूची तहसीलदार के पास लम्बित है। गतिरोध के बीच नगर के अनेको हितग्राही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान का सपना सजोये बैठे है व कुछ ने तो अपना कच्चा मकान भी खोल लिया है। बारिश होने को है उन्हे समझ मे ही नही आ रहा है कि उनका पक्का घर बन पायेगा या फिर उन्हे बारिश मे खुले आसमान के नीचे ही रहना पडेगा।