जनपद पंचायत बजाग में निर्माण कार्यों में बरत रहे अनियमितता
डिंडोरी•Jun 19, 2021 / 12:03 am•
ayazuddin siddiqui
Disturbances in development work: Responsible for benefiting loved ones, no action taken
डिंडोरी/बजाग. बैगाचक क्षेत्र जनपद पंचायत बजाग क्षेत्र के विकास एवं मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने सरकार करोड़ों रुपए आवंटित कर रही है। इस राशि का सही सदुपयोग कर क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी जिन्हे सौंपी गई है वही जिम्मेदार अपने दायित्वों के निर्वहन में कोताही बरत रहे हैं। जिम्मेदार विकास के लिए स्वीकृत राशि में बड़े पैमाने पर हेर-फेर कर स्वहित साधने में लगे हुए है। जिससे क्षेत्र के विकास में विराम लग गया है। क्षेत्र में रोजगार गारंटी योजना भी दम तोड़ती नजर आ रही है।
हेर-फेर के आरोप, लोकायुक्त ने भी पकड़ा
जनपद पंचायत बजाग में पदस्थ इंजीनियर पर विकास कार्य के लिए स्वीकृत राशि में हेर-फेर के आरोप लग रहे हैं। यहां तक कि संबंधित इंजीनियर को मटेरियल सप्लायर से पैसे लेते हुए लोकायुक्त टीम ने रंगेहाथ पकड़ा था। बताया जा रहा है कि संबंधित इंजीनियर और उनसे जुडे वरिष्ठ अधिकारी एक ही मटेरियल सप्लायर को उपकृत करने में लगे हुए है। संबंधित के खाते में जिम्मेदार राशि जमा कराने के बाद उसे आहरित कर लेते हैं। यह खेल लंबे अर्से से खेला जा रहा है।
दूसरे जिले के सप्लायर से खरीदी
जिस क्षेत्र में गरीबी और बेरोजगारी मुह उठाए खड़ी है व्यवसाय चौपट चल रहे हैं वहां दूसरे जिले से मटेरियल सप्लायर बुलाकर मटेरियल की खरीददारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि संबंधित फर्म द्वारा अधिकतर पंचायतों को सिर्फ बोल्डर डेम में बोल्डर सप्लाई की जाती है। जबकि जिन क्षेत्रोंं में बोल्डर सप्लाई किए जा रहे हैं वहां पहले से ही पर्याप्त मात्रा में बोल्डर उपलब्ध हैं। बाहर से सप्लाई की आवश्यकता ही नहीं है। बोल्डर पत्थर के नाम पर बडे स्तर पर शासकीय राशि में हेर-फेर किया जा रहा है। कई पंचायतो में बोल्डर सप्लाई के बिल लगे हुए हैं।
बिना पत्थर खरीदे, लाखों का भुगतान
जिम्मेदारों ने बिना पत्थर खरीदे ही सप्लायर के लाखों के बिल स्वीकृत कर सप्लायर के खाते में राशि जारी कर दी। ऐसे कई मामले हैं जिसमें जिम्मेदारों की मनमानी उजागर हुई है। हाल ही में ग्राम पंचायत चांडा में मनमानी पूर्वक कार्य कराने का मामला सामने आया था। जिसके बाद संबंधित इंजीनियर और अधिकारी द्वारा मौके पर पहुंचकर कार्य बंद कराया गया था। मामले में कार्य होने से पहले ही बिल लगाकर साढ़े सात लाख रुपए आहरित किए जाने के आरोप लगे थे।
मशीन से काम
ग्राम पंचायतो मेंं रोजगार सृजन कर लोगों को रोजगार मुहैया कराने मनरेगा योजना प्रारंभ की गई है। इसके बेहतर क्रियान्वयन और लोगों को रोजगार दिलाने निर्माण कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं। दु:ख पहलू यह है कि जिम्मेदार स्वहित साधने मनमानी पूर्वक कार्य करा रहे है। यहां जेसीबी और ट्रेक्टर से ग्रेबल और फ्यूरी मशीन से सीसी सड़क निर्माण कराया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर मशीने हटा ली जाती है और मामला शांत होने के बाद फिर वह खेल शुरु हो जाता है। मजदूरों के हितों को ताक में रखकर विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्य कराया जा रहा है। जिसके चलते ग्रामीण हितग्राहियों के हाथो से रोजगार छिन रहा है।