मनरेगा में बालश्रम की उड़ रही धज्जियां
कम मजदूरी विरोधाभास की स्थिति में बेदखल करने की धौंश
Lockdown-2: Work at MNREGA, sitting at home
डिंडोरी. आपदा की इस घड़ी में मजदूर वर्ग को मनरेगा अन्तर्गत रोजगार उपलब्ध कराने की योजना सरकार ने चलाई है। जिससे गरीब निर्धन का परिवार दाल रोटी के लिए मोहताज ना हो। लेकिन सरकार की मंशा पे पंचायत के जिम्मेदार पानी फेरते दिखाई दे रहे हैं । मौके का फायदा कहें या तानाशाही सरपंच, सचिव के मनमानी के आगे वेबस श्रमिक चुपचाप पसीना बहा रहे हैं। जिनके बदले उन्हे उचित मेहनताना भी नहीं मिल पा रहा है। सरकारी दर के हिसाब से मजदूरी मागना कहीं अपराध साबित ना हो जाए। और किसी भी समय काम से निकाल दिया जाएगा इस भय से आदिवासी मजदूर पंचायत की मनमानी सहने मजबूर हैं। जिला मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर ग्राम जमुनिया गांव में मनरेगा अन्तर्गत श्रमिक काम कर रहे हैं। मनरेगा के तहत 190 रुपये मजदूरी देनी है लेकिन उनके हक पर सरेआम डाका डाला जा रहा है । ऐसा नहीं है की प्रशासनिक अधिकारियो को इस बात की भनक नही हो। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी भी चुपचाप तमाशबीन दिखाई दे रहे हैं ।
शिकायत की तो काम बंद
श्रमिको ने बताया की लगभग दो सप्ताह से गांव मे तालाब गहरी करण का काम चल रहा है। जिसमे पंचायत द्वारा काम तो दिया जा रहा है। लेकिन निर्धारित दर से मजदूरी का भुगतान नही हुआ है। श्रमिकों का कहना है कि पिछले सप्ताह मजदूरी का जो भुगतान किया गया है, जिसमें किसी को एक सप्ताह का 800 सौ रुपए तो किसी को 600 सौ इस तरह से किसी भी श्रमिक को निर्धारित दर के अनुसार भुगतान नहीं किया गया है ।
शासन के आदेशों की उड़ रही धज्जियां –
शासन के निर्देशानुसार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम कराना दंडनीय अपराध है । इसके बावजूद भी चल रहे तालाब गहरीकरण में नाबालिक बच्चे-बच्चियों से काम कराया जा रहा है जबकि इस बात की जानकारी सचिव को भी है। जिन्होने पिछले सप्ताह ही काम ना करने की समझाईस दी थी। जबकि यह कार्य सरपंच सचिव सहसचिव सबकी जानकारी पे भी है। यहां तक की काम के दौरान मेम्बर स्वय रहकर काम करा रहे है उसके बावजूद भी बाल श्रमिकों से शासन नियमों का धडाल्ले से धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।
इस मामले को लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष नरेन्द्र राजपूत ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश के बाद मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रवासी व स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना के तहत काम दिया है, और इस दौरान अगर मजदूरों को निर्धारित दर से कम मजदूरी दी जा रही है तो वह गलत है और संबंधित अधिकारी को आदेश कर जांच के लिए बोला जाएगा, वही उक्त कार्य में बाल श्रमिकों से कार्य कराया जा रहा है तो भी बाल श्रमिक कानून के तहत जो भी नियम होंगे उस पर संबंधित अधिकारियों को कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे।
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