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डिंडोरी

त्रयंबकेश्वर मंदिर में रात्रि के चार पहर हुआ पूजन

महाशिवरात्रि पर कुकर्रामठ में उमड़ी भक्तों की भीड़

डिंडोरीFeb 21, 2020 / 10:24 pm

Rajkumar yadav

Four o'clock worship in the night at Trimbakeshwar temple

Four o’clock worship in the night at Trimbakeshwar temple

डिंडोरी. महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह से ही जिले भर के शिवालयों में मेरा भोला है भंडारी करे नंदी की सवारी भोले नाथ रे… ओ शम्भू नाथ रे जैसे भक्ति गीतों का सिलसिला शुरु हो गया जो कि देर रात तक चलता रहा। मंदिरों में भगवान शिव के जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, रुद्राभिषेक और महाभिषेक का दौर लगातार जारी रहा। इसके अलावा शिवालयों में एक दिन पहले से ही अखंड रामायण, भजन कीर्तन प्रारंभ का दौर शुरु हो गया जो कि दूसरे दिन भी चलता रहा। शिव भक्तों द्वारा जगह जगह भंडारे का प्रसाद वितरण किया गया।
लगी भक्तों की कतार
कुकर्रामठ के ऋण मुक्तेश्वर मंदिर में सुबह से ही शिवभक्त भगवान शिव के दर्शनों को लालायित नजर आये। यहां पर भगवान शिव के दर्शनों के लिए देर शाम तक शिव भक्तों की लंबी लंबी कतारें लगी रही। प्राचीन मान्यता अनुसार यहां भगवान शिव के दर्शन मात्र से ही श्रद्धालु अनेक प्रकार के ऋणों से मुक्त हो जाते हैं। इस मंदिर को लेकर अनेकानेक किवदंतियां भी है। यहां दूर दूर से श्रद्धालु बड़ी तादाद में भोले नाथ के दर्शन करने पहुंचते हैं।
यहां हुई विशेष पूजा
त्रयंबकेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष संतोष शुक्ला के अनुसार उक्त मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना है और विगत् दो वर्ष पहले 2018 में ही मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ है। जुलाई माह के पूरे सात दिन भगवान शिव का विशेष अभिषेक किया जाता है। त्रयंबकेश्वर मंदिर के विषय मे अध्यक्ष ने यह भी बताया कि महाशिवरात्रि के दिन पंचांग अनुसार सांध्यकाल होने के चलते भगवान शिव का पूजन अभिषेक रात्रि के चार पहर में किया गया। आज शनिवार के दिन दोपहर 12 बजे से समिति द्वारा कन्या भोजन उपरान्त विशाल भंडारे का आयोजन किया जाना है।
यहां भी उमडा जनसैलाब
महाशिवरात्रि का खास दिन होने के चलते कुकर्रामठ के अलावा। नगर के डेमघाट, माधियाघाट, शंकर घाट, एमपीईव्ही त्रयंबकेश्वर मंदिर, इमली कुटी घाट, जोगीटिकरिया घाट में भी शिव भक्तों की खासी भीड देखी गई।
अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का पर्व है महाशिवरात्रि
डिंडोरी. प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की शाखा डिंडोरी का महाशिवरात्रि के अवसर पर 84 वर्ष पूर्ण होने पर धूमधाम से मनाया गया। शिवरात्रि महोत्सव का कार्यक्रम दो चरणों में मनाया गया। प्रथम चरण में कार्यक्रम संस्था की शाखा राजयोग साधना केन्द्र डिंडोरी में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ***** गंगोत्री पारासर द्वारा रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का चित्र संस्था की संचालिका बीके संगीता बहन को संप्रेम भेंट कर वरिष्ठ समाज सेवी पीएन अवस्थी के उद्बोधन से हुआ। उनके द्वारा महाावरात्रि के महत्व पर प्रका डाला गया। इसके बाद संस्था की संचालिका बीके संगीता बहन द्वारा संस्था का परिचय देने के साथ महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व बताया। अंत में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर परिषद के अध्यक्ष पंकज तेकाम के द्वारा संस्था के माध्यम से पूर्व में हुए सामाजिक तथा आध्यात्मिक कार्यक्रम की सराहना करते हुए संस्था के महत्व को बताया। कार्यक्रम के अंत में स्वपरिवर्तन हेतु शुभ संकल्पों का शपथ लिया गया तथा ध्वजारोहण किया गया व केक काटा गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से महिला मोर्चा अध्यक्ष सपना जैन, आलोक सोनी, लोकमणि पारासर, बीके मनोज भाई, श्रद्धा तिवारी, श्रुति तिवारी एवं संस्था के भाई बहनें उपस्थित रहे। प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय डिंडोरी की शाखा की बीके संगीता बहन के द्वारा सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इसके उपरांत जबलपुर बस स्टैण्ड नर्मदा पुल के पास आठ फिट के शिवलिंग तथा आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ नन्हे सिंह, बीडी मूलचंदानी, गया प्रसाद तथा संस्था के भाई बहन उपस्थित रहे। आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन तथा शिवलिंग का दर्शन करने श्रद्धालु भाई बहनों का तांता लगा रहा।
त्रयम्बकेश्वर मंदिर में विशाल भंडारा आज
डिंडोरी. श्रीहरि त्रयंबकेश्वर मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष संतोष शुक्ला के अनुसार 22 फरवरी को दोपहर 12 बजे से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया हैं। कन्या भोजन के उपरांत सार्वजनिक रूप से भंडारे का प्रसाद वितरण किया जाएगा। अध्यक्ष ने बताया कि महाशिवरात्रि का महोत्सव पंचागानुसार 21 फरवरी की शाम शुरू होगा अत: शाम को 7 बजे आरती के उपरांत रात्रि के चार पहर में शिव जी का पूजन अभिषेक होगा। शाम 8.20 से प्रात: 6.45 तक संपन्न होगा। इसके उपरांत पूजन पारण एवं कन्या भोजन कराया जाएगा। गौरतलब है श्रीहरि त्रयम्बकेश्वर मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। लगभग 200 वर्ष पुराने इस मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 2018 में होने के बाद से प्रतिवर्ष सात दिवसीय कार्यक्रम माह जुलाई में अभिषेक पूजन किया जाता हैं। मंदिर का जीर्णोद्धार स्वामी चेतन्य सदानंद ब्रह्मचारी के मार्गदर्शन में जनसहयोग से संपन्न कराया गया है।

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