नगर में बह रही शिव पुराण की अमृतधारा
डिंडोरी•Aug 05, 2019 / 09:43 pm•
Rajkumar yadav
Kannada travels with Mahadev’s hail
डिंडोरी.श्रावण महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है। वेद पुराण और अनेक धर्म ग्रंथों में भी सावन के महीने में शिवजी की पूजा और उससे प्राप्त होने वाले धर्म लाभ का वर्णन किया गया है। हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार श्रावण मास में आने वाले सोमवार के दिन को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भोले के भक्त गण उपवास धारण कर पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ शिव जी का पूजन अर्चन कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। भगवान भोलेनाथ को भोला भंडारी भी कहा जाता है और ऐसा सिर्फ उनके सरल स्वभाव और थोड़ी सी भक्ति में प्रसन्न हो जाने के कारण है ।
शिव पुराण का आयोजन
नगर में अति प्राचीन मंदिरों में से एक त्रयंबकेश्वर महादेव मंदिर सिविल लाइन डिंडोरी में है। जहां विगत1 सप्ताह से शिव पुराण का निरंतर पाठ विद्वान आचार्य एवं साधु.संतों के सानिध्य में किया जा रहा है। शिव पुराण में भगवान शिव के अवतारों में उनके चरित्र चित्रण तथा जीवन को सुगम और निष्कलंक बनाने के लिए अनेकों मार्गों का वर्णन आचार्यों के द्वारा किया जा रहा है। जिससे आम आमजन बड़ी मात्रा में जुड़ रहे हैं और धर्म लाभ ले रहे हैं।
कांवड़ यात्राओं का विशेष महत्व
सावन के महीने में शिवजी के अभिषेक के लिए विभिन्न विधियों का उपयोग शिव भक्त करते हैं। इन विधियों में जलाभिषेक अधिक प्रचलित है। जिसमें भक्त पवित्र नदियों से जल लेकर भगवान भोलेनाथ को अर्पित करते हैं और अपनी मन की मुराद को पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं ।
शनि समिति ने निकाली कांवड़ यात्रा
नगर में स्थापित नर्मदा तट पर भगवान शनि देव के मंदिर से शनि समिति के सदस्यों और अन्य भक्त जनों ने कांवड़ यात्रा का आयोजन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बच्च, बुजुर्ग महिलाएं सम्मिलित हुए। शनि समिति के सदस्यों ने बताया कि विगत कई वर्षों से समिति कांवड़ यात्रा का आयोजन करती आ रही है। इस वर्ष भी कांवड़ यात्रा नर्मदा तट से प्रारंभ होकर कुकरामठ तक जाएगी जहां पुरा कालीन ऋण मुक्तेश्र महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर जल से अभिषेक करेगी।
लिया जलाभिषेक का संकल्प
जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर ग्राम चटूवा के ग्रामीण बड़ी संख्या में कांवड़ लेकर डिंडोरी पहुंचे। जहां उन्होंने नर्मदा जी का पूजन अर्चन कर जल लिया और पैदल यात्रा करते हुए अपने ग्राम की ओर रवाना हुए। कांवड़ यात्रा में आए ग्रामीणों ने बताया कि उनके ग्राम में भी भगवान भोलेनाथ का प्राचीन मंदिर है जहां भोलेनाथ की प्रतिमा स्थापित है। वह लोग हर साल नर्मदा जी से जल लेकर शिव जी की प्रतिमा का अभिषेक करते हैं।
युवा समाज सेवियों ने बांटे फल
सावन मास के तीसरे सोमवार को नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में कांवड़ यात्रियों ने नर्मदा से जल लेकर अपने अपने नजदीकी शिवालयों की ओर रवाना हुए। इन कांवड़ यात्रियों की थकान मिटाने के बहाने नगर के युवाओं ने शिव जी की सेवा करने के लिए फल का वितरण यात्रा के मध्य मार्ग में किया। इस दौरान मनीष नायक, दिनेश बर्मन, ध्रुव पटेल, मदन बर्मन, प्रदीप जैन, पिंटू राव,रोशन रैकवार, अनिल अवधिया, मुकेश तिवारी, राम प्रकाश मिश्रा सहित अनेकों मौजूद रहे।
घर.घर में पूजे जा रहे महादेव
पवित्र नर्मदा के तटों पर जगह.जगह भगवान महादेव विराजमान है और इन सभी शिवालयों में बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन पूजन के लिए आ रहे हैं। इसके अलावा सावन के महीने में लगभग हर घर में महादेव की पूजा एलोग बड़ी भक्ति और निष्ठा के साथ कर रहे हैं। सावन के महीने में चारों तरफ हर हर महादेव के जयकारों की गूंज सुनाई देती है। हर हर महादेव घर घर महादेव की तर्ज पर भगवान भोलेनाथ की पूजा आरती सुबह शाम हो रही है।