scriptमुनगे के सेवन से दूर होगा कुपोषण और एनीमिया | Malnutrition and anemia will be overcome by consumption of munaga | Patrika News
डिंडोरी

मुनगे के सेवन से दूर होगा कुपोषण और एनीमिया

नूनखान में पोषण कार्यक्रम का आयोजन

डिंडोरीSep 14, 2020 / 11:43 pm

ayazuddin siddiqui

Malnutrition and anemia will be overcome by consumption of munaga

Malnutrition and anemia will be overcome by consumption of munaga

डिंडोरी. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत संचालित इकाई कृषि विज्ञान केंद्र डिंडोरी एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में पोषण माह के अंतर्गत सेक्टर नूनखान के अंतर्गत पोषण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में रेणु पाठक तकनीकी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र डिंडोरी के द्वारा पोषण का महत्व, 2 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए संतुलित आहार की पूर्ति, बच्चों के खाने में गुणवत्ता एवं स्थानीय खाद्य सामग्री की उपयोगिता के विषय में बताया गया। बच्चों में आयरन के महत्व को समझाते हुए बताया कि आयरन को खाने के साथ उसका अवशोषण होना भी जरूरी है जिसके लिए विटामिन सी का सेवन आवश्यक रूप से करना चाहिए जो हमारे घरों में सरलता से मिल जाता है। स्थानीय खाद्य सामग्री के अंतर्गत सौ ग्राम मुनगा के पत्त्ते में पांच गिलास दूध के बराबर कैल्शियम होता है साथ ही एक नींबू की तुलना में इसमें 5 गुना ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम एवं विटामिन बी कॉन्प्लेक्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से एनीमिया और कुपोषण दोनों को दूर किया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए यह विशेष लाभकारी है। यह पत्तियां पोषण व ऊर्जा से भरपूर होती हैं। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं एवं आंखें और मस्तिष्क को पोषण प्रदान करने के अलावा उचित पाचन को भी बढ़ावा देती हैं। इसका प्रयोग किस प्रकार किया जाए इस पर भी चर्चा की गई। जिसमें बताया गया कि मुनगा की पत्ती को सब्जी के रूप में, दाल में डालकर पत्तियों को धोकर सुखाकर पाउडर बनाकर या चूर्ण बनाकर भी प्रयोग में लिया जा सकता है। भोजन के साथ एक-एक चम्मच लेने से स्वास्थ्य में सुधार होता है तथा शरीर भी पोषित होता रहता है।
कार्यक्रम में डिंडोरी जिले का नक्शा बनाया गया। जिसमें स्थानीय खाद्य सामग्री के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के अनाज, दाल, फल, साग सब्जी का प्रयोग किया गया। कार्यक्रम में श्याम सिगौर सहायक संचालक महिला सशक्तिकरण, नीतू तिलगाम परियोजना अधिकारी एवं कुमारी भूपेश्वरी धुर्वे पर्यवेक्षक तथा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक गीता सिंह, डॉ सतेंद्र कुमार, डी पी सिंह, अवधेश पटेल, श्वेता मेश्राम का कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग रहा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो