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डिंडोरी

पुराने सुविधाघर खंडहर में हो गए तब्दील, लाखों खर्च के बाद भी लोग खुले में जा रहे शौच

सामुदायिक स्वच्छता परिसरों में लटक रहे ताले, पंचायतें ओडीएफ घोषित

डिंडोरीJan 16, 2024 / 12:22 pm

shubham singh

Old facilities turned into ruins, despite spending lakhs people are defecating in the open

Old facilities turned into ruins, despite spending lakhs people are defecating in the open

डिंडौरी. ग्राम पंचायतों में घर-घर सुविधाघर व सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कराकर खुले में शौच मुक्त बनाने के प्रयास किए गए। इस अभियान के तहत इमलाई व जल्दा मुडिय़ा पंचायत सहित अधिकांश ग्राम पंचायतो को जिला प्रशासन ने ओडीएफ का दर्जा दे दिया। इन ग्राम पंचायतों को प्रशासन ने घर-घर सुविधाघर व सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण के साथ ही खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया है। प्रशासन के यह सभी दावे सिर्फ कागजो तक ही सिमट कर रह गए हैं। जिन ग्राम पंचायतो को ओडीएफ का दर्जा दिया गया है उनमे से अधिकांश ग्राम पंचायतो के सामुदायिक स्वच्छता परिसरों में ताले लटक रहे हैं, कुछ अधूरे हैं और कुछ किन्ही न किन्ही कारणों से अनुपयोगी हो चुके हैं। ऐसे में प्रशासन के सभी दावे और जिन ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया गया है वह महत खोखले दावे साबित हो रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त करने पहले हितग्राही मुलक सुविधाघर बनाने हितग्राहियों को 12-12 हजार रुपए सुविधाघर निर्माण के लिए मुहैया कराए गए। इसके बाद लगभग तीन वर्ष पूर्व से प्रत्येक ग्राम पंचायत में 3.43 लाख की लागत से सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण कराया गया। इनमें से अभी तक इनका उपयोग नहीं हो पाया है।
पुराने सुविधाघर जर्जर
जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों को ओडीएफ का दर्जा तो दे दिया लेकिन जमीनी स्तर पर मॉनीटरिंग नहीं की गई। ग्राम पंचायतो में जिन हितग्राहियों के यहां सुविधाघर बने थे वह पूरी तरह से जर्जर हो चुके है। किसी सुविधाधर में सीट नहीं है या फिर दरवाजे व पूरी दीवाल नहीं खड़ी की गई। कई हितग्राही ऐसे हैं जिनके यहां पूरी तरह से सुविधाघर का निर्माण हुआ ही नहीं और उसे पूर्ण बता दिया गया।
अधूरे पड़े सामुदायिक सुविधाघर
जिले की अधिकांस ग्राम पंचायतों मे सामुदायिक सुविधाघरों का निर्माण अधर में लटका हुआ है। ऐसे में यह अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। जहां इनका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है वहां इनमें ताले लटक रहे हैं या फिर तकनीकी त्रुटि व पानी कनेक्शन नहीं होने के कारण उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं। अधिकांस समुदायिक सुविधाघरों में अभी तक टैंक निर्माण व कनेक्शन नहीं हो पाया है । इसके बाद भी ग्राम पंचायतो ने इन कार्यो को पूर्ण बता दिया है।

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