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डिंडोरी

ट्रायल के पहले ही सीपेज होने लगे प्लांट के टैंक

फिल्टर प्लांट में खर्च किए 11 करोड़ 36 लाखनगर व ग्राम बरगांव, बांकी करौंदी को पानी देने की थी योजनाचार वर्ष बाद भी पूर्ण होती नजर नहीं आ रही नल-जल योजना

डिंडोरीJul 06, 2020 / 06:49 pm

ayazuddin siddiqui

Plant tanks started seeping before trial

Plant tanks started seeping before trial

शहपुरा. नगर में जलापूर्ति के लिए नल-जल योजना की स्वीकृति के बाद लोगों को उम्मीद जगी थी कि उनकी पेयजल की समस्या दूर हो जाएगी। लगभग छह वर्ष से योजना की पूर्णता का इंतजार कर रहे लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रही है। दरासल करोड़ो की लागत से नल-जल योजना के तहत शारदा टेकरी में बनाए गए फिल्टर प्लांट की टंकी ट्रायल के दौरान ही लीकेज होने लगी है। जिसके चलते फिल्टर प्लांट में कराए गए निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। जबकि नगर परिषद के तकनीकी अमले की निगरानी में निर्माण कार्य हुआ है। जानकारी अनुसार मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत नगर परषिद शहपुरा में लगभग 11 करोड 36 लाख की लागत से वित्तीय वर्ष 2016 में नल जल योजना स्वीकृत हुई थी जो कि हुडको के द्वारा वित्त पोषित थी। इस योजना में बनाये गये डीपीआर के तहत ग्राम बिलगांव स्थित बिलगढा बांध से पाईप लाईन के द्वारा पानी लाने की योजना थी। जिसमें शारदा टेकरी में फिल्टर प्लांट बनाकर पूरे नगर व ग्राम बरगांव, बांकी करौंदी को पानी देने की योजना थी। इस योजना का संचालन पांच वर्षो तक ठेकेदार के द्वारा किया जाना है। मगर यह योजना अभी शुरू भी नहीं हुई और पानी को स्वच्छ करने के लिए बनाई गई टंकी से रिसाव प्रारंभ हो गया है।
चार साल बीत गए
वर्ष 2016 में इस नल जल योजना की प्रक्रिया की शुरूआत हुई। जिसमें 24 माह का समय दिया गया वर्षा काल को छोड कर पर चार साल का समय बीत जाने के बाद भी योजना की शुरूआत आज दिनांक तक नहीं हो पाई है। ठेकेदार को कई बाद एक्टेंशन दिया गया। योजना सिर्फ टेस्टिगं तक ही पहुंच पाई है। वहीं फिल्टर प्लांट में बनाये दोनो टैंक में रिसाव शुरू हो गया है। जिसके चलते निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। वर्ष 2050 तक के लिए इन टैंको का निर्माण कराया गया था लेकिन बनने के साथ ही हो रहे पानी रिसाव के चलते कई सवाल उठ रहे हैं।
यह थी योजना
साल 2015-16 में शहपुरा नगर के लिए नल जल योजना के लिए शुरूआत हुई थी। जिसमें यह तय किया गया कि बिलगांव ग्राम स्थित बिलगढा डेम से नगर के लिए पाईप के जरिए पानी को शारदा टेकरी तक लाया जाए और वहां पर पानी को फिल्टर कर नगर को व ग्राम बरगांव ,बांकी ,करौदी को सप्लाई दिया जावेगा। जिसके तहत 5 अक्टूबर 2016 को इस योजना की शुरूआत हुई पर इस योजना में नगर के लिए ही योजना तैयार हुई बांकी के ग्रामो को छोंड दिया गया था। जिस पर तत्कालीन पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर ओमप्रकाश धुर्वे ने मामले को संज्ञान में लिया और पुन: डीपीआर में तीनो ग्रामो को जुडवाया। नगर परिषद की लापरवाही के कारण आज ये तीनो ग्राम इस योजना से छूट गये है। साथ ही इस योजना के तहत हुडको से 1136.36 लाख रूपये स्वीकृत किये गये थे जिसे फिर से रिवाईज करने पर करीब डेढ करोड रूपये और बढ गये थे।
अभी है ट्रायल
इस पूरे मामले में ठेकेदार कंपनी कर्मचारी से बात की गई तो उसने बताया कि रिसाव को बंद कर दिया जाएगा अभी ट्रायल चल रहा है। इसके साथ ही उसने बताया की डीपीआर में अन्य तीन ग्राम शामिल है पर स्टीमेंट में ये ग्राम नहीं है। नप के इंजीनियर को मामले की जानकारी नहीं है। उन्होने कहा है कि मै स्थल निरीक्षण करके ही कुछ बता पाउगां ।

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