दस दिनों से बंद है नल जल योजना
Taps water scheme is closed for ten days
गोरखपुर। गर्मी ने फिलहाल दस्तक भी नहीं दी है और कस्बे में सूखे के हालात पसरे पड़े हैं। जिले के प्रमुख कस्बे गोरखपुर की जनता भीषण जल संकट से जूझ रही है। तकरीबन पूरा का पूरा हफ्ता इसी आस में गुजर गया शायद स्थानीय प्रशासन पेयजल को संजीदगी से लेगा और कोई हल निकालेगा, लेकिन कस्बे के लोग पानी के लिये भटक रहे हैं और व्यवस्थापक मौन साधे बैठे हैं। गर्मी के आगमन के पूर्व पेयजल प्रबंध बेहद जरूरी होना चाहिये पर गोरखपुर के अधिकतर हैंडपंप खराब एवं पंचायत की जानकारी में बंद पड़े हैं। जिनको चालू रखने संबंधित विभाग एवं स्थानीय प्रशासन ने कोई कारगर प्रबंध नहीं किये हैं। बताया गया है कि भीषण जनसंख्या के चलते गावों के आमजन नल दर नल भटक रहे हैं। पानी के लिये कतारें लगी हैं। पानी की किल्लत गांव से लेकर नल तक दिखाई दे रही है। पानी की कमी इस कदर है कि नल भी पानी की जगह हवा उगल रहे हैं। गांव में बनी पानी की टंकी शोपीश बनकर रह गई है। अभी तो गर्मी की शुरूआत है आगे गर्मी के चलते हालात और भी बदतर होंगे।
दोनों मोटरें खराब
बताया गया है कि गोरखपुर में जल प्रदाय हेतु पंप हाऊस में लगी दोनों मोटरें खराब हो गई है। गांव में प्रात: देखा गया है कि गर्मी आते ही दोनों मोटर एक साथ ही खराब होती हैं। वहीं एक हफ्ते से खराब पड़ी मोटरों के सुधर कर आने की प्रतीक्षा में ग्रामीण भीषण जल संकट भोगने विवष हैं। पंचायत की जानकारी के अनुसार मोटर सुधारने के लिये 15 किलोमीटर दूरी गाड़ासरई भेजी गई है एवं सप्ताह के बाद भी नल जल योजना ठप्प पड़ी है। पेयजल संकट पर प्रतिनिधियों का मौन भी चिंता जनक है। उन्हे पेयजल संकट दूर करने के लिये सामने आना था पर वे पेयजल संकट पर चुप्पी साधे बैठे हैं।
वर्षों से यही समस्या पूरे कस्बे में पेयजल के लिये गर्मी की शुरूआत के साथ ही हाहाकर मचने लगता है। वर्षों से हमें पेयजल के लिये यहां वहा भटकना पड़ता है। बावजूद इसके निराकरण का कोई सफल प्रयास नहीं किया गया है।
निवासी सतीश शर्मा।
लो वोल्टेज की समस्या की वजह से मोटर जल गई थी। अब मोटर बनकर आ गयी है शीघ्र ही सुचारू रूप से नल जल योजना संचालित हो जायेगी।
प्रकाश बांधव, पंचायत सचिव।
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