हार्ट अटैक पर अगर पांच उपाय कर लिए जाएं तो इमरजेंसी की स्थिति में मरीज की जान बच सकती है। तो चलिए आपको बताएं कि किसी व्यक्ति को अगर अचानक हार्ट अटैक आ जाए तो क्या करना चाहिए।
सबसे पहले हार्ट अटैके लक्षण को पहचानें शुरूआत में उल्टी आना सीने में तेज दर्द चक्कर आना हाथों और उंगलियों कंधें, गर्दन और पीठ दर्द अशांत मन और बेचैनी
सांस लेने में दिक्कत अधिक पसीना आना कमजोरी महसूस होना तनाव और घबराहटहार्ट अटैक आने तुरंत क्या करें 1. तुरंत जमीन पर लिटा दें
हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले तो मरीज को लिटा दें और उसके टाइट कपड़ों को खोल दें। मरीज के सिर को नीचे की तरफ करके पैर थोड़ा ऊपर की ओर उठाकर लिटाएं, ताकि इससे पैरों के ब्लड की सप्लाई हार्ट की ओर बढ़ जाए।
हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले तो मरीज को लिटा दें और उसके टाइट कपड़ों को खोल दें। मरीज के सिर को नीचे की तरफ करके पैर थोड़ा ऊपर की ओर उठाकर लिटाएं, ताकि इससे पैरों के ब्लड की सप्लाई हार्ट की ओर बढ़ जाए।
2. मरीज की तुरंत नाक बंद कर कृत्रिम सांस दें
मरीज की नाक को उंगलियों से दबाकर रखिए और अपने मुंह से कृत्रिम सांस दें। नथुने दबाने से मुंह से दी जा रही सांस सीधे फेफड़ों तक जा सकेगी। लंबी सांस लेकर अपना मुंह चिपकाएं, हवा मुंह से किसी तरह से बाहर न निकल रही हो। मरीज का तकिया हटा दें और उसकी ठोड़ी पकड़कर ऊपर उठा दें। इससे सांस की नली का अवरोध कम हो जाता है और कृत्रिम सांस में कोई अवरोध नहीं होता है।
मरीज की नाक को उंगलियों से दबाकर रखिए और अपने मुंह से कृत्रिम सांस दें। नथुने दबाने से मुंह से दी जा रही सांस सीधे फेफड़ों तक जा सकेगी। लंबी सांस लेकर अपना मुंह चिपकाएं, हवा मुंह से किसी तरह से बाहर न निकल रही हो। मरीज का तकिया हटा दें और उसकी ठोड़ी पकड़कर ऊपर उठा दें। इससे सांस की नली का अवरोध कम हो जाता है और कृत्रिम सांस में कोई अवरोध नहीं होता है।
3. सीपीआर दें
मरीज की नब्ज और सांस चेक करें। अगर नब्ज नहीं चल रही है तो हॉस्पिटल पहुंचने तक सी.पी.आर. करें। इसे करने के लिए मरीज को कमर के बल लिटाकर अपनी हथेलियों को मरीज के सीने के बीच में रखकर हाथ को नीचे की ओर दबाएं। प्रति मिनट कम से कम सौ बार ऐसा करें।
मरीज की नब्ज और सांस चेक करें। अगर नब्ज नहीं चल रही है तो हॉस्पिटल पहुंचने तक सी.पी.आर. करें। इसे करने के लिए मरीज को कमर के बल लिटाकर अपनी हथेलियों को मरीज के सीने के बीच में रखकर हाथ को नीचे की ओर दबाएं। प्रति मिनट कम से कम सौ बार ऐसा करें।
4.इमरजेंसी फोन करें
मरीज के लिए इमरजेंसी मेडिकल सर्विस को फोन करें। हमेशा अपने फोन के फार्स्ट डायलिंग में नंबर सेव कर के रखें। 5. एस्प्रिन या सोर्बिट्रेट जीभ के नीचे रखें
अगर घर में ऐस्पिरिन है तो मरीज को उसे चबाने के लिए दें। अगर हार्ट के मरीज घर में हो तो हमेशा अपने साथ 5 एमजी सोर्बिट्रेट दवा रखें और अटैक की स्थित में इसे कूंच कर मरीज की जीभ के नीचे रख दें। उन्हें गहरी और लंबी-लंबी सांस लेते रहने के लिए कहें, ताकि फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी न हो। ये दवा तुरंत आराम दिलाएंगी
मरीज के लिए इमरजेंसी मेडिकल सर्विस को फोन करें। हमेशा अपने फोन के फार्स्ट डायलिंग में नंबर सेव कर के रखें। 5. एस्प्रिन या सोर्बिट्रेट जीभ के नीचे रखें
अगर घर में ऐस्पिरिन है तो मरीज को उसे चबाने के लिए दें। अगर हार्ट के मरीज घर में हो तो हमेशा अपने साथ 5 एमजी सोर्बिट्रेट दवा रखें और अटैक की स्थित में इसे कूंच कर मरीज की जीभ के नीचे रख दें। उन्हें गहरी और लंबी-लंबी सांस लेते रहने के लिए कहें, ताकि फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी न हो। ये दवा तुरंत आराम दिलाएंगी
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।