अमरीकन कॉलेज द्वारा किए गए शोध के अनुसार हाईबीपी और स्लीप एप्निया का संबंध पेट से है। खानपान की खराब आदतें और नींद पूरी न होने से भारतीय लोगों में नींद संबंधी अनियमितता और मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। स्लीप एप्निया का समय रहते इलाज न होने से उच्च रक्तचापabstract sleep apnea में ली जाने वाली दवाओं का प्रभाव भी कम होता है। इसके अलावा समय पर खाना और नींद लेने की आदत को रुटीन में जरूर लाएं।
– 43 प्रतिशत से अधिक इस
– डिस्ऑर्डर के रोगी सोते समय सीपीएपी मास्क नहीं लगाते हैं। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया यानी ओएसए का इलाज कराना आवश्यक है, विशेषकर जिनकी आयु 50 वर्ष से अधिक है, इनमें हाई बीपी होने का अधिक खतरा रहता है।
अधिकतर रोगी खर्राटों को नजरअंदाज करते हैं जो खतरनाक हो सकता है। अमरीकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार उच्च रक्तचाप के मरीजों को स्लीप एप्निया की जांच जरूर करवानी चाहिए। इसका इलाज करके भी हाईबीपी की समस्या को कम कर सकते हैं। सोते समय कंटिनुअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) नामक एक मास्क लगाकर भी सांस लेने की प्रक्रिया को सामान्य किया जा सकता है। इसके प्रयोग से रक्तचाप को नियंत्रित करने के भी संकेत मिले हैं। यह हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में प्रभावी है।