जब शरीर की धमनियों में रक्तका दबाव बढ़ जाता है तो रक्तके प्रवाह को बनाए रखने के लिए हृदय को ज्यादा बार धड़कना पड़ता है, इस स्थिति को हाइपरटेंशन कहते हैं। सामान्य ब्लड प्रेशर की माप 140/90 होती है। जिसमें 140 सिस्टोलिक और 90 डायस्टोलिक होता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर 140 से ज्यादा है तो आप हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं।
बढ़ती उम्र, तनाव या अवसाद, धूम्रपान करना, शराब पीना, गुटखे का सेवन और फिजिकल एक्टिविटीज की कमी। विशेषज्ञ की राय
बढ़ता बीपी दिल, दिमाग, आंखों और किडनी को भी प्रभावित करता है इसलिए रोजाना एक घंटा व्यायाम करें। वजन नियंत्रण में रखें ताकि आपका बॉडी मास इंडेक्स 19-25 के बीच रहे। सब्जियां और मौसमी फल अपनी डाइट में शामिल करें। खाने में नमक की मात्रा कम लें। रोजाना 6 ग्राम से ज्यादा नमक ना खाएं। तली-भुनी व मसालेदार चीजों से परहेज करें।
हल्के गुनगुने पानी में पैर डालकर बैठने से ब्लड पैरों की तरफ आ जाता है, जिससे बढ़ते बीपी में आराम मिलता है। सिर को गीला करने या गीला तौलिया लपेटने से भी ब्लड प्रेशर और सिरदर्द में आराम मिलता है।
हाइपरटेंशन में वैराइटा मूर, लैकेसिस, नेट्रम म्यूर, ग्लोनाइन, बैलाडोना, ऑरम मूर नैट्रम और कैटेगस जैसी दवाइयां लक्षणों के अनुसार दी जाती हैं। कैटेगस मदर टिंचर हार्ट टॉनिक का भी प्रयोग किया जाता है। यह दवा दिन में दो बार लेनी होती है।
हाइपरटेंशन की वजह जानना जरूरी है। यह समस्या होने पर अशरोफीन दी जाती है जो अश्वगंधा बूटी और कालीमिर्च से बनती है। हाइपरटेंशन के मरीजों को रोज दिन में दो बार एक-एक चम्मच खाने के साथ सिरका लेने से आराम मिलता है।