– आंख का लाल हो जाना
– धुंधलापन होना
– रोशनी में आंख खुलने में दिक्कत
– आंखों में खुजली
– बहुत ज्यादा पानी आना समस्या के कारण
– डिजिटल डिवाइसों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल
– बहुत ज्यादा किताबें पढ़ना
– लगातार एसी में रहना
– लगातार कॉन्टैक्ट लेंस पहनना
– कुछ दवाएं जैसे कि बर्थ कंट्रोल पिल्स, एलर्जी की दवाएं, बीटा ब्लॉकर, डाययूरेटिक्स
– ऐसा भोजन खाना जिसमें फैटी एसिड्स न हों
– आंसू बनाने वाले ग्लैंड्स न होना
– लेसिक सर्जरी होना
– कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी या टैबलट को देखते हुए हर 5 सेकंड में पलक झपकाएं।
– आंखों को रगड़ें नहीं, इससे आंख को नुकसान हो सकता है।
– अगर किसी दवा को खाने या डालने से परेशानी लग रही है तो उसके बारे में डॉक्टर से राय लें।
– आंखों में नमी बनाए रखने के लिए अच्छे ब्रैंड की लुब्रिकेटिंग ड्रॉप्स डालें।
– कॉन्टैक्ट लेंस साफ रखें और उन्हें हमेशा पहने न रखें।
– कोशिश करें कि आंखों पर सीधी हवा न लगे।
– हेल्दी खाना खाएं, ज्यादा साबुत अनाज, दूध, फल-सब्जियाें का सेवन करें।
– डॉक्टर की सलाह के बगैर आंख में कोई भी दवा न डालें।
– आंख की कोई दवा खोलने के महीने भर में खत्म कर लें। महीना बीत जाने पर इस्तेमाल न करें।
– बहुत स्वीमिंग के दौरान चश्मा जरूर पहनें और कोशिश करें कि आंखों में पानी न जाए।