क्या है एडेनोएड्स –
एडेनोएड्स, शरीर में मौजूद ऐसे लिम्फोएड टिश्यू हैं जो नाक के पिछले भाग में स्थित होते हैं। एडेनोएड्स, टॉन्सिल और अन्य टिश्यू मिलकर एक वॉल्डेयर रिंग बनाते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन जब एलर्जी या किसी प्रकार के संक्रमण की वजह से ये एडेनोएड्स फूल जाते हैं या अपने आकार से बढ़ जाते हैं तो हमारे सांस का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। ब्रीदिंग एक्सरसाइज जैसे प्राणायाम आदि डॉक्टरी सलाह से इस रोग में सहायक हो सकती हैं लेकिन कई बार एडेनोएड्स का आकार ज्यादा बढ़ा होने और बच्चे के चेहरे पर बदलाव दिखाई देने पर इन्हें निकालना जरूरी हो जाता है।
उम्र से संबंध –
एडेनोएड्स बढ़ने की यह समस्या आमतौर पर 3-10 साल के बच्चों को ज्यादा होती है। सामान्यत: 12 साल की उम्र के बाद बढ़े हुए एडेनोएड्स अपने आप ही घुल जाते हैं।
डॉक्टर की जरूरत क्यों ?
जब आपका बच्चा मुंह से सांस, खर्राटे ले या उसे कान दर्द की बार-बार समस्या हो तो उसे फौरन डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। डॉक्टर बच्चे के लक्षणों और एक्सरे की मदद से यह पता लगाते हैं कि एडेनोएड्स आकार में कितने बढ़े हुए हैं। अगर एडेनोएड्स का आकार बढ़नें की वजह से श्वास मार्ग में बाधा आ रही होती है तो विशेषज्ञ माता-पिता को बच्चे का ऑपरेशन कराने की सलाह देते हैं। लेकिन यदि एडेनोएड्स आकार में छोटे होते हैं तो संक्रमण और एलर्जी को दवाओं से नियंत्रित किया जाता है।
इससे क्या है खतरा ?
अगर बढ़े हुए एडेनोएड्स का समय रहते इलाज न किया जाए तो आगे चलकर कान में कई प्रकार की गड़बड़ी, ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया और पल्मोनरी हाइपरटेंशन जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
ऑपरेशन की प्रक्रिया –
आजकल माइक्रडेब्राइडर या कोवलेटर की सहायता से बिना किसी बाहरी चीरा या निशान के बढ़े हुए एडेनोएड्स टिश्यूज को अंदर ही अंदर हटा दिया जाता है। यह ऑपरेशन तकरीबन आधे से एक घंटे का होता है। इसमें बच्चे को एक दिन के लिए अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है। इस सर्जरी में औसतन 15-20 हजार का खर्च आता है। सर्जरी के बाद 3-4 दिन बच्चे को सिर्फ ठंडी चीजें खाने के लिए देनी चाहिए।
टिश्यूज का फिर बढ़ना –
एक बार एडेनोएड्स का ऑपरेशन कराने के बाद इनके फिर से बढ़ने की आशंका बहुत कम रह जाती है। कुछ एक बार ये समस्या फिर से केवल तभी हो सकती है, जब ऑपरेशन के दौरान बढ़े हुए टिश्यूज ठीक से न निकल पाए हों।
ध्यान रहें ये बातें –
सर्दी, जुकाम और बार-बार होने वाले संक्रमण भी एडेनोएड्स बढ़ने की एक वजह है इसलिए ठंड के इस मौसम में अपने बच्चों को ऊनी कपड़े पहनाएं। उनके सिर और पैर पूरी तरह कवर रखें। साथ ही किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टरी सलाह से दवाएं दें।