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पेट के निचले भाग की नसों में फैलाव से इस बीमारी में होता है दर्द

पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम 30-35 साल की महिलाओं में आम है। इसमें पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है।

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women problem

Pelvic congestion syndrome

पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (पीसीएस) क्या है?
इसमें पेट व निचले हिस्से की नसों के फैलाव से तेज दर्द होता है। जिन्हें (पेल्विक वेन इनकम्पेटेंस या पेल्विक वेनस इंसफिशिएंशी भी) यह समस्या होती है उन्हें सुबह के समय दर्द महसूस नहीं होता लेकिन लगातार काम करते रहने से नसों पर दबाव बढ़ता है तो रात को दर्द तेज हो जाता है। लेटने से दर्द कम हो जाता है।
कितनी महिलाओं को यह परेशानी हो सकती है?
हर तीन में से एक महिला उम्र के किसी न किसी पड़ाव पर पेल्विक पेन से पीडि़त होती है। इनमें अधिकतर महिलाएं 20-45 वर्ष आयुवर्ग की होती हैं और जो कई बार गर्भवती हो चुकी होती हैं।
इसके रिस्क फैक्टर्स व लक्षण क्या हैं?
उक्त आयुवर्ग में लक्षणों को नजरअंदाज करना बड़ा कारण है। पेट के निचले भाग में दर्द अधिक देर तक बैठे रहने या खड़े रहने से गंभीर हो जाता है। कई बार महिलाओं को पैर में भारीपन भी लगता है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (खाते ही मोशन), कुछेक को कब्ज, मूड स्विंग, सिरदर्द, थकान आदि परेशानी होती है। कुछ में पीरियड्स के दौरान या लंबे समय तक बैठने से समस्या बढ़ती है। यदि दर्द लगातार 6 माह तक रहे तो पीसीएस की आशंका।
रोग के प्रमुख कारण क्या हो सकते हैं?
फिलहाल कोई स्पष्ट कारण नहीं। हालांकि शारीरिक संरचना, हार्मोन्स के स्तर में किसी प्रकार की गड़बड़ी, पेट या जननांगों से जुड़ी पूर्व में हुई कोई सर्जरी भी वजह हो सकती है।
इस बीमारी की जांच कैसे होती है?
अधिकांश मामलों में इसकी पुष्टि फिजिकल एक्जामिनेशन व अल्ट्रासाउंड से नहीं हो पाती। ऐसे में सीटी स्कैन, एमआरआई, पेल्विक एक्जाम, एक्स-रे आदि करवाने की सलाह दी जाती है।
इसका उपचार क्या है?
ओवेरियन वेन एम्बोलाइजेशन नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें खराब नसों को बंद कर देते हैं ताकि इनमें खून न जमा हो। इसके बाद थोड़ा दर्द होता है जो ठीक हो जाता है। यह ब्लीडिंग रोकने का इलाज है जिसमें अस्पताल में रुकना नहीं पड़ता।