कारण : अंडाशय का ठीक से काम न करना। ऐसे में अंडाशय से स्त्रावित होने वाले हार्मोन उचित मात्रा में नहीं बनते जिससे ओवरी में अंडे बनने व माहवारी के दौरान इनके टूटने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। लेकिन अंडाशय की आनुवांशिक विकृति, किसी तरह की दवाओं का दुष्प्रभाव, रेडिएशन का प्रभाव व ऑटाइम्यून डिजीज से भी यह हो सकता है।
टैस्ट : ब्रेस्ट का आकार उम्र के अनुसार न होना, कम व अनियमित माहवारी, हॉट फ्लैशेज, स्वभाव में अचानक बदलाव और पर्याप्त नींद न आने पर फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन टैस्ट कराते हैं। साथ ही एस्ट्रोजन टैस्ट और पेल्विक अल्ट्रासाउंड टैस्ट कर अंडाशय व इससे जुुड़े अंगों की कार्यक्षमता जानते हैं।
क्या है इलाज
अंडाशय की कार्यक्षमता बढ़ाना संभव नहीं। लेकिन प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ सकती है। रोगी में एस्ट्रोजन का स्तर पहले की तरह रखने व हृदय रोगों की आशंका घटाने के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट ( ivf Treatment ) के साथ हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी भी देते हैं।ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका पीओआई के रोगी में रहती है। ऐसे में इलाज के दौरान कैल्शियम-विटामिन सप्लिमेंट्स देते हैं।