उन्होंने कहा कि 44 सप्ताह के कड़े प्रशिक्षण के बाद महिला नवआरक्षी भी देश के दुर्गम इलाकों और कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी के लिए तैयार हो जाएंगी। पूर्व में भी बल की आरक्षी महिलाओं ने संसद पर हमला, अयोध्या हमला, शांति व्यवस्था, चुनाव क्षेत्र और नक्सलवाद एवं आतंकवाद से प्रभावित इलाकों में ड्यूटी देते हुए अपने कत्र्तव्य का निर्वहन किया है।
इसी प्रकार नवआरक्षियों को अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यक्रम में पुलिस उपमहानिरीक्षक व केन्द्र प्रधानाचार्य अनिल कुमार डोंडियाल ने प्रशिक्षण के बाद आरक्षी महिलाओं को नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा।
आरक्षी देश की आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में अहम योगदान देंगी। बल की महिला बटालियन ने आतंकवाद व नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में युवक-युवतियों को खत्म करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पुलिस उप महानिरीक्षक कम्पोजिट हॉस्पिटल डॉ. अशोक कुमार त्रिवेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रंजिता कर राठौड़, कमांडेट ए.के. मीणा, उप कमांडेट के.सी. निर्मल व बी.एल. मीणा मौजूद थे।