सावधानी बरतें –
चरक संहिता में मुखशुद्धि के लिए इलायची, लौंग व जावित्री को पान के पत्ते में डालकर खाने के लिए बताया गया है। लेकिन टीबी, पित्त संबंधी रोग, नकसीर, त्वचा व आंखों से जुड़ी समस्या या बेहोशी होने पर पान के पत्तों का उपयोग न करें।
पान के पत्ते प्रोटीन, कार्बाेहाइड्रेट, टैनिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयोडीन और पोटेशियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होते हैं। आइए जानते हैं इनके फायदों के बारें में।
जयपुर•Feb 10, 2019 / 02:26 pm•
विकास गुप्ता
पान के पत्ते प्रोटीन, कार्बाेहाइड्रेट, टैनिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयोडीन और पोटेशियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होते हैं। आइए जानते हैं इनके फायदों के बारें में।
पान के पत्ते प्रोटीन, कार्बाेहाइड्रेट, टैनिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयोडीन और पोटेशियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होते हैं। आइए जानते हैं इनके फायदों के बारें में।
हल्दी के टुकड़े को सेंककर पान के पत्ते में डालकर खाने से जुकाम और खांसी में आराम मिलता है।
रात में तेज खांसी हो तो पान के पत्ते में अजवाइन व मुलैठी का टुकड़ा डालकर प्रयोग कर सकते हैं।
बच्चे को सर्दी-जुकाम होने पर एक पत्ते पर हल्का गर्म सरसों का तेल लगाकर उसके सीने पर रख दें, आराम मिलेगा। वयस्क 2-3 पत्तों के रस में शहद मिलाकर दिन में दो बार लें। लेकिन बच्चों को इसका आधा चम्मच रस ही दें, लाभ होगा।
सावधानी बरतें –
चरक संहिता में मुखशुद्धि के लिए इलायची, लौंग व जावित्री को पान के पत्ते में डालकर खाने के लिए बताया गया है। लेकिन टीबी, पित्त संबंधी रोग, नकसीर, त्वचा व आंखों से जुड़ी समस्या या बेहोशी होने पर पान के पत्तों का उपयोग न करें।
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