यूनानी चिकित्सा: जब हो खाज की समस्या तो यूनानी में जानें ये हैं इलाज
अक्सर बच्चों व बड़ों को नमी वाले मौसम में त्वचा पर खुजली और दाने की परेशानी होती है। यूनानी चिकित्सा के अनुसार यह दीदान-ए-जर्ब (एक सूक्ष्मजीव के काटने) व फसाद-ए-खून यानी खून में इनकी संख्या बढऩे से होता है। यूनानी में इस सूक्ष्मजीव को जर्ब व हक्का कहते हैं।
क्रीम की तरह खुजली वाली जगह लगाएं। इलाज
मरीज को 15 दिनों के लिए कुछ नुस्खे आजमाने की सलाह देते हैं, जैसे-
शाहतरा, उन्नाब, चिरायता, सरफूंका व गुल-ए-मुंडी सभी जड़ी-बूटियों की 5-5 ग्राम की मात्रा को 200 मिली लीटर पानी में उबालें। एक चौथाई पानी (जोशांदा) रहने पर 10-20 एमएल सुबह खाली पेट लें। बच्चों में जोशांदा की मात्रा 5-10 एमएल रखें।
गंधक, मुर्दार्संग व कफूर की 10-10 मिग्रा मात्रा 200 एमएल नारियल तेल मेंं मिलाकर पेस्ट बना लें। क्रीम की तरह खुजली वाली जगह लगाएं।
लक्षण
सूक्ष्मजीव त्वचा को काटकर अपनी संख्या बढ़ाने लगते हैं। जिससे त्वचा का लाल होना, दाने व खुजली होती है। बार-बार खुजलाने से यह संक्रमण का रूप ले लेता है।
दवाओं से उपचार
10 ग्राम माजून उश्बा को 25 एमएल अर्क मुरक्कब मुसफ्फी खूनी के साथ सुबह देते हैं। सुबह और शाम शरबत उन्नाब की 15 एमएल मात्रा लें। जलन होने पर रोगन संदल में गुलाब का अर्क मिलाकर लगाएं।
डॉ. अजहरुद्दीन, यूनानी विशेषज्ञ
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