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महिलाएं जो फिटनेस के बूते बनीं चैंपियन

अपनी फिटनेस व पैशन की ताकत से राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बनाने वाली महिलाएं अपने-अपने क्षेत्र में पूरी लगन व अनुशासन के साथ…

Jul 02, 2018 / 04:40 am

मुकेश शर्मा

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अपनी फिटनेस व पैशन की ताकत से राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बनाने वाली महिलाएं अपने-अपने क्षेत्र में पूरी लगन व अनुशासन के साथ सक्रिय हैं। जानते हैं कुछ चैंपियंस की सेहत को दमखम देने वाली बातों के बारे में-

कुश्ती में शाकाहार की ताकत

भारत की पहली महिला सूमो पहलवान मुंबई की हेतल ने छह साल की उम्र से जूडो की प्रेक्टिस शुरू कर दी थी। अब वे एक प्रोफेशनल कुश्ती चैंपियन हैं। विश्व स्तरीय सूमो प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर वर्ष २००९ में ताइवान में हुई वल्र्ड सूमो रेसलिंग चैंपियनशिप में महिला मिडलवेट वर्ग (८० किलो) में पांचवा स्थान हासिल किया।

एक्सरसाइज टाइम : मांसपेशियों की मजबूती के लिए एक्सरसाइज व खानपान का खयाल रखती हैं। रोजाना चार घंटे कार्डियो और स्नैप व रिस्ट टाईअप आदि रेसलिंग तकनीकों से दिन की शुरुआत करती हैं।

स्कूल में बतौर जूडो टीचर ट्रेनिंग देती हैं। फिर शाम को इन दोनों (सुबह की व स्कूल की प्रेक्टिस) को दोहराती हैं।

खानपान : हेतल पूर्णरूप से शाकाहारी हैं। डाइट में ज्यादातर प्रोटीनयुक्त चीजें खाती हैं। जिसमें दालें (खासतौर पर मसूर की दाल) और फलियां शामिल हंै। उन्हें घर में बना खाना जैसे चावल, सब्जियां, चपाती, डोसा व इडली आदि पसंद है।

डम्बल्स के साथ डांस में भी परफेक्ट

बेंगलुरु की सोनाली स्वामी बॉडी बिल्डर होने के साथ दो बच्चों की मां भी हैं। सोनाली ने मुंबई में पहली बार आयोजित हुई प्रतियोगिता बॉडी पावर इंडिया-२०१४ के अंतर्गत फिट फैक्टर कैटेगरी में महिला बॉडीबिल्डर का खिताब जीता था।

फिटनेस: बॉडी बिल्डर होने के साथ-साथ वे एथलीट, जुंबा एवं बोक्वा डांस ट्रेनर और कथक डांसर भी हैं। वे हफ्ते में रोज ५-६ घंटे वर्कआउट करती हैं। कार्डियो के अलावा वे स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग पर ज्यादा ध्यान देती हैं।

खानपान : जब प्रतियोगिताएं नहीं होतीं तो वे रोजाना भोजन में १८००-२००० कैलोरी लेने पर ध्यान देती हैं। हर दिन प्रोटीन की पूर्ति के लिए वे मांसाहार व दूध से बने उत्पाद लेती हैं। साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां व सलाद खाती हैं।

फुटबॉलर का कराटे में दे-दनादन

हाल ही एशियाई फुटबॉल अवॉर्ड जीतने वाली दिल्ली की अदिती चौहान पहली भारतीय महिला हैं जिन्हें यह उपलब्धि हासिल हुई है। वे भारतीय महिला फुटबॉल टीम की गोलकीपर हैं। कराटे में भी रुचि रखने वाली अदिती ने १५ की उम्र से ही राज्य स्तर पर फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था।

फिटनेस: सुबह-शाम प्रेक्टिस के अलावा अदिती पार्क में भी दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलती हैं। वे कराटे में ब्लैक बेल्ट हैं और हफ्ते में २-३ बार एक से दो घंटे कराटे का अभ्यास करती हैं।

खानपान : प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी आदि पौष्टिक तत्त्वों से भरपूरभोजन उन्हें काफी पसंद है। इसके अलावा वे नाश्ते में फल और सब्जियों से बना जूस पीती हैं।

मार्शलआर्ट के साथ योग भी

किता फिटनेस मॉडल और बॉडी बिल्डर होने के साथ-साथ पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी हैं। एक समय डिप्रेशन के दौर से गुजरी अंकिता (कर्नाटक) आज अपने टोनिंग एप्स और बॉडी की बदौलत महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं।

फिटनेस: बचपन से ही मार्शल आर्ट और एरोबिक्स सीख रहीं अंकिता पिछले कुछ सालों से योग कर रही हैं और वे मानती हैं कि इसी वजह से उनकी बॉडी काफी लचीली है। वे हफ्ते में पांच दिन कार्डियो और एब्स वर्कआउट करती हैं।

खानपान : वे नाश्ते में कॉफी, ओट्स, ब्राउन ब्रेड, मूसली और अंडे खाती हैं। दोपहर के खाने में ३०० ग्राम चिकन (ग्रिल्ड, रोस्टेड), ब्राउन राइस, चपाती व दाल लेती हैं। रात के खाने में उन्हें हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडा, फिश और चिकन लेना पसंद है।

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