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रोग और उपचार

world heart day: दिल की अच्छी सेहत के लिए अपनी आदतें सुधारिए

मोटापा, डायबिटीज और कॉलेस्ट्रॉल नियंत्रित कर हृदय रोगों से बचा जा सकता है। 1994 में देश का पहला हृदय प्रत्यारोपण दिल्ली एम्स मे हुआ था। 3500 हृदय प्रत्यारोपण पूरी दुनिया में हर साल होते हैं।

जयपुरSep 29, 2019 / 05:14 pm

विकास गुप्ता

world heart day: दिल की अच्छी सेहत के लिए अपनी आदतें सुधारिए

मोटापा, डायबिटीज और कॉलेस्ट्रॉल नियंत्रित कर हृदय रोगों से बचा जा सकता है। 1994 में देश का पहला हृदय प्रत्यारोपण दिल्ली एम्स मे हुआ था। 3500 हृदय प्रत्यारोपण पूरी दुनिया में हर साल होते हैं।

world heart day: world heart day 2019: हृदय रोगों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए 29 सितंबर को हर वर्ष विश्व हृदय रोग दिवस मनाया जाता है। हृदय औसतन 13 सेंमी. लंबा, 9 सेमी. चौड़ा और करीब तीन सौ ग्राम वजनी होता है। स्वस्थ व्यक्ति का दिल एक मिनट में 72-80 बार धड़कता है। 10-15 साल पहले बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी लेकिन खराब जीवनशैली और असंतुलित खानपान से अब युवा भी हृदय रोगी हो रहे हैं। अमरीका में हृदय रोगियों की औसत उम्र 55 और भारत में 40-45 साल है। खानपान, नियमित व्यायाम, योग और ध्यान से बचाव संभव है।

बच्चे –
गर्भावस्था के दौरान मां के शराब, पीने, धूम्रपान करने या वायरल इंफेक्शन से नवजात के हृदय में छेद की आशंका बढ़ती है। ऑपरेशन ही विकल्प है। डिवाइस पद्धति से हृदय के छेद को बंद किया जाता है। पहले इको कार्डियोग्राफी जांच से पता करते हैं कि किन छेदों को डिवाइस पद्धति से बंद किया जा सकता है।

युवा –
युवाओं में हाइपर टेंशन, हार्ट अटैक तेजी से बढ़ रहा है। खराब जीवनशैली, तनाव, भावनात्मक वेदना, वॉल्व में इंफेक्शन- सिकुड़ने या लीकेज से हृदयाघात की आशंका बढ़ती है। शराब, धूम्रपान से दूरी हृदय की तकलीफों से बचाती है।

बुजुर्ग –
बुजुर्गों में ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, कॉलेस्ट्राल नियंत्रित न रहने से हृदयघात की आशंका बढ़ती है। बचाव के लिए नियमित दिनचर्या, मॉर्निंग वॉक जरूरी है। समय-समय पर जांच कराते रहें। शक्कर व नमक का सेवन कम से कम करें।

महिलाएं –
महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हार्मोन असंतुलन होता है। हॉर्मोन्स में परिवर्तन होता है। इससे हृदयघात के मामले बढ़ते हैं। शरीर में शुगर व बीपी बढ़ने की आशंका रहती है। वजन नियंत्रित रखें।

ये हैं 5 कारण –
1. मोटापा
2. व्यायाम की कमी
3. जंकफूड-फास्टफूड
4. अनियमित दिनचर्या
5. दबाव और तनाव

65% 18-35 वर्ष आयु के युवा हैं हाई ब्लड प्रेशर के मरीज।
50 % हार्ट अटैक का खतरा 50से कम आयु के लोगों में।
80% हार्ट अटैक के मरीजों को गोल्डन ऑवर ट्रीटमेंट से बचाना संभव।
30 मिनट नियमित योग-ध्यान, व्यायाम से हृदय संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं
35-44 की उम्र में महिलाओं को हृदय रोग का ज्यादा खतरा।

एंजियोप्लास्टी –
एंजियोप्लास्टी में हृदय की धमनी के ब्लॉकेज को एक मेटल ट्यूब (स्टेंट) लगाकर खोलते हैं। इसमें बिना चीर-फाड़ व बेहोशी के हाथ या पैर की नस में सुई के जरिये हृदय की धमनी तक स्टेंट को पहुंचाकर कुछ मिनटों में ब्लॉकेज खोल देते हैं। ऐसे स्टेंट भी आ रहे हैं जो शरीर में घुल जाते हैं। इनकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अभी काम चल रहा है। वॉल्व भी एंजियोप्लाटी तकनीक से बिना ऑपेरशन बदले जाते हैं। यह एक जटिल प्रकिया है।

हार्ट ट्रांसप्लांट-
जिनका हृदय आंतरिक व बाह्य संरचना के बदलाव से खराब हो चुका है उनका हार्ट ट्रांसप्लांट करते हैं। लंबे समय तक ब्लॉकेज के बाद बायपास सर्जरी न कराने से या खराब वॉल्व को समय से न बदलवाने से दिक्कत होती है। डोनर हृदय, किडनी, कैंसर और सेप्सिस का मरीज है तो हृदय प्रत्यारोपण नहीं करते हैं। ब्रेन डेड व्यक्ति व मरीज का ब्लडगु्रप मैच कराकर ट्रांसप्लांट करते हैं। ट्रांसप्लांट के बाद भी लंबे समय तक दवाइयों लेनी होती हैं।

पेसमेकर –
पेसमेकर बैट्री चालित माचिस की डिब्बी से भी छोटा उपकरण है जो मरीज के सीने की चमड़ी के नीचे लगता है। इससे हृदयगति सामान्य हो जाती है। भारी काम करते समय जरूरत अनुसार हृदयगति तेज करता है। इसकी बैटरी 8-10 साल चलती है। छोटे ऑपरेशन से इसकी बैटरी बदली जाती है। सीने के जिस तरफ पेसमेकर लगता है उस हाथ को ज्यादा घुमाना नहीं चाहिए। जेब में मोबाइल भी न रखें। हर छह माह में पेसमेकर की जांच कराते रहें।

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