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दुमका

लाॅकडाउन में खुदखुशी के मामलों ने तोड़ा रिकॉर्ड, जानिए क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक?

Lockdown Effect: पुलिस के आंकड़े के मुताबिक पिछले दो महीने के (Jharkhand News) दौरान (Dumka News) (What Psychologist Says On Suicide) (What Doctors Says On Suicide)…
 

दुमकाMay 28, 2020 / 08:13 am

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लाॅकडाउन में खुदखुशी के मामलों ने तोड़ा रिकॉर्ड, जानिए क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक?

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(दुमका): झारखंड में दुमका जिले में कोराना वायरस संक्रमण से बचाव के मद्देनजर पिछले दो महीने से जारी लाक डाउन के दौरान अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 24 लोगों ने आत्महत्या की। इससे जिले में इस वर्ष के प्रथम तीन महीने की तुलना में आत्महत्या की घटना में वृद्धि हुई है।

अलग—अलग तरीके से तय कर रहे मौत का सफर…

पुलिस के आंकड़े के मुताबिक पिछले दो महीने के दौरान जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पूर्व के महीने की तुलना में चैबीस लोगों ने जहर खाकर अथवा फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। जिले में जनवरी में जहर खाकर दो,फरवरी में तीन और फांसी लगाकर दो तथा मार्च में फांसी लगाकर पांच लोगों ने आत्महत्या कर ली। इसमें 24 मार्च से शुरू लाक डाउन में 31 मार्च तक की अवधि में आत्महत्या करने वालों की संख्या भी शामिल हैं। जबकि अप्रैल महीने में जहर खाकर एक और फांसी लगाकर छह लोगों ने आत्महत्या कर ली वहीं चालू मई महीने में 24 मई तक जहर खाकर तीन और फांसी लगाकर 14 लोगों ने आत्महत्या कर ली। इस अवधि में आत्महत्या करने वालों में अधिकांश युवा वर्ग शामिल हैं।

 

लाॅकडाउन में खुदखुशी के मामलों ने तोड़ा रिकॉर्ड, जानिए क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक?

इस तरह जनवरी, फरवरी और मार्च सहित तीन महीने के दौरान जिले में जहर खाकर पांच और फांसी लगाकर सात लोगों सहित कुल 12 लोगों ने आत्महत्या की। इन तीन महीने की तुलना में 24 मार्च से शुरू देशव्यापी लाकडाउन की अवधि के 24 से 31 मार्च यानि छह दिन को छोड़ भी दिया जाय तो सिर्फ अप्रैल एवं चालू मई महीने के 24 मई तक यानि लाकडाउन के लगभग 54 दिन के दौरान जहर खाकर चार और फांसी लगाकर 20 लोगों सहित कुल 24 लोग ने खुदकुशी कर ली।

क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक…

मनोवैज्ञानिक की मानें तो अधिकांश मामले में भय,उदासी,नींद की कमी,आवेश, चिड़चिड़ापन,आलस्य की वजह से अवसाद के कारण मानसिक दबाव सहने में अक्षम हो जाना आत्महत्या के प्रमुख लक्षण है। इसलिए लोगों को हर समय मानसिक तनाव व अवसाद के प्रभाव से बचने के लिए समय पर भोजन,पर्याप्त नींद लेने के साथ योग को अपने दिनचर्या में शामिल करना चाहिए तथा मन मे सदैव सकारात्मक विचार को लाने का प्रयास करना चाहिए।

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