कई बार बच निकला सिद्धू
पुलिस ने कोडा को दुमका के जंगलों से पकड़ा था। नक्सली कमांडर कोडा से पुलिस ने एक एके-४७, एक इंसास, एक रायफल व भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया था। उसने सीने में दर्द की शिकायत की तो पुलिस उसे सदर अस्पताल ले गई। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गिरफ्तार नक्सली कोड़ा की निशानदेही पर चकाई इलाके से एक अन्य नक्सली को गिरफ्तार किया गया। दूसरे नक्सली की पहचान इलियास हेंब्रम के रूप में की गई। इलियास चकाई थाना के हिंडला गांव का रहने वाला है। पुलिस ने कई बार सिद्धू की गिरफ्तारी को लेकर रणनीति बनाई लेकिन हर बार वह भागने में सफल हो जाता था। उस पर बिहार सरकार ने एक लाख तो झारखंड सरकार ने 10 लाख का इनाम रखा था।
चार दर्जन नक्सली घटनाओं को दिया अंजाम
कोड़ा पर चार दर्जन नक्सली घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है। इसके अलावा झारखंड के सीआरपीएफ में तैनात आईपीएस रैंक के अधिकारी हीरा झा की हत्या कराने का भी आरोप है। 2014 में सर्च अभियान के दौरान मुठभेड़ हुई थी जिसमें गोली लगने से हीरा झा शहीद हो गए थे। सिद्धू कोड़ा भाकपा माओवादी संगठन में गुरिल्ला दस्ता का नेतृत्व करता था।
तीन राज्यों की पुलिस का था सिरदर्द
नक्सली सिद्धू कोड़ा प बिहार, झारखंड के कई नक्सली वारदातों में शामिल था। संगठन में अनबन को लेकर सिद्धू कोड़ा ने कुछ सहयोगियों के साथ अलग संगठन बना रखा था। जमुई इलाके में पिछले एक दशक से सिद्धू कोड़ा संगठन को लीड कर रहा था। सिद्धू कोड़ा सिर्फ बिहार पुलिस ही नहीं बल्कि झारखंड व छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए भी सिरदर्द बना हुआ था। वहीं पुलिस गिरफ्तार नक्सली की निशानदेही पर जमुई, बांका समेत कई जिले में छापेमारी कर रही है।