जिले के जामा थाना क्षेत्र के आमझरिया गांव में घर की दीवार गिरने से मलबे में दबने के बाद दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार गांव निवासी लक्खी मरांडी की सास आमडर हेंब्रम हर रात अपने घर से खाना खाकर रात में बेटी लुखी के यहां सोने के लिए आती थी। रविवार रात तीनों कच्चे घर के बरामदे में सोये हुए थे। तभी…
रात को सभी सो रहे थे। लगातार बारिश होने की वजह से दीवार भरभराकर गिर गई। लक्खी मरांडी, उसकी पत्नी लखु और सास आमडर हेंब्रम की मलबे के नीचे दबने से रात को ही मौत हो गई। इस हादसे में लक्खी के बच्चों की भी मौत हो सकती थी लेकिन…
यूं बचे बच्चे…
लक्खी के बच्चे भी हादसे की चपेट में आ सकते थे। लेकिन दोनों बच्चे सोने के लिए अपने दादा के कमरे में गए थे। वह कमरा गिरने से बच गया। सुबह में जब लक्खी मरांडी के पिता और बच्चे सोकर उठे, तो देखा कि घर की दीवार टूटी पड़ी है और तीनों लोग दबकर मर गए हैं। इसके बाद गांव के लोग जुटे और तीनो लाशों को निकाला गया। दुमका के सांसद सुनील सोरेन और प्रखंड के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे हैं। साथ ही पीड़ित परिवार को दस-दस हजार रुपए की आर्थिक मदद दी गई है।
लोगों में रोष…
इधर, घटना से ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि जब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी गरीब परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराया जा रहा है, तो फिर इस निरीह परिवार को क्यों नहीं पक्का मकान नहीं उपलब्ध कराया गया। घटना की सूचना मिलने पर अंचल अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और मतदाता सूची में नाम होने पर पक्का मकान उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया। वहीं तत्काल राहत के तौर पर अनाज और अन्य सहायता उपलब्ध कराई गई, लेकिन मुआवजा को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। वहीं हादसे में बच्चे दो छोटे बच्चों की परवरिश कैसे होगी, इसे लेकर आसपास के ग्रामीण चिंतित है।