महिलाओं ने बनाए मॉस्क
गुप्ता ने बताया कि पूरे देश में मास्क की कमी और कालाबाजारी चल रही थी। इस पर डूंगरपुर नगर परिषद् के महिला सिलाई केन्द्र ने उच्च गुणवत्ता युक्त मास्क बनाने शुरू किए और जहां मॉस्क की कालाबाजारी चरम पर थी। वहीं, परिषद् ने मास्क का नि:शुल्क वितरण किया।
यह भी किए बंदोबस्त
— डूंगरपुर नगरपरिषद् क्षेत्र तथा आसपास के क्षेत्रों में जरूरतमंद दीन-हीन की सेवार्थ नियमित नि:शुल्क भोजन
— डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के आवास के लिए सुविधा युक्त धर्मशालाएं
— शहरवासियों के लिए आपातकालीन दवाइयां लाने के लिए उदयपुर एवं अहमदाबाद के लिए वाहन व्यवस्था
— परिषद की किराये पर चली दुकानों का किराया माफ़
— हर दुकान के आगे सोशल डिस्टेंन के चिन्ह बनाए
— मुक्ति धाम पर भी सोशल डिस्टेंज के बंदोबस्त
— पशु-पक्षियों के लिए दाना-चुग्गे के साथ ही पेयजल के बंदोबस्त
— आरओ के माध्यम से आमजन को शुद्ध पेयजल
— शहर के 25 हजार से अधिक घने वृक्षों के लिए नियमित टैंकर से जलापूर्ति
264 स्वच्छता सैनानियों ने संभाला मोर्चा
कोरोना संक्रमण के बावजूद डूंगरपुर शहर के 264 स्वच्छता सैनानी अपने कर्तव्य पथ से जरा भी डगमगाए नहीं। उन्होंने नि:स्वार्थ भाव से घर-घर कचरा संग्रहण, सड़कों पर कचरा उठाना, रात्रि कालीन सफाई आदि में जी-जान से जुटे हुए हैं। नगरपरिषद् ने भी प्रोत्साहन स्वरूप समस्त ऐसे कार्मिकों के खातों में एक-एक हजार रुपए देने की घोषणा की।
हर वाहन सेनेटाइज
डूंगरपुर शहर राजस्थान और गुजरात की सीमा पर है। लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में महाराष्ट्र एवं गुजरात से लोग वाहनों एवं पैदल यात्रा करते हुए गुजरात सीमा पर पहुंचे। यहां से प्रशासन ने लोगों को रोडवेज आदि के बंदोबस्त कर सीधे उनके घरों तक पहुंचाया। इन सब वाहनों को सेनेटाइज करने का जिम्मा भी नगर परिषद् ने संभाला।
पूरी मुस्तैदी से डटे हैं…
. डूंगरपुर ने स्वच्छता की बदौलत स्वास्थ्य का पाया मजबूत बनाए रखा है। हमारी नगर परिषद् की टीम ने प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य महकमे से समन्वय स्थापित कर अब तक कोरोना पर पूर्ण नियंत्रण कर रखा है। पूरे शहर को प्रतिदिन सेनेटाइजर किया जा रहा है। हमने यह शुरूआत लॉकडाउन के भी काफी पहले से ही कर दी थी। इसका नतीजा है कि पूरे देश के लिए डूंगरपुर रोल मॉडल बनकर उभर रहा है।
केके गुप्ता, सभापति, डूंगरपुर