मोड़-मेवाड़ कलाल समाज की बेवा और निराश्रित महिला कमला पत्नी शंकर चार दिन से कोविड हॉस्पीटल में थी। बताया जा रहा था कि शनिवार को उसे छुट्टी मिल जाएगी। पर, सुबह में ही उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु की सूचना मिलने पर कलाल समाज के डा. मोहनलाल कलाल, छगनलाल कलाल, कन्हैयालाल कलाल सहित अन्य समाजजन सुरपुर स्थित मोक्षधाम पहुंचे। यहां पहले से ही नगरपरिषद् का कार्मिक और खुद को हास्पीटल का कार्मिक बताने वाला उमेश मौजूद था। पीडि़त पक्ष दुखी होकर विलाप कर रहे थे। इसी बीच गिरोह के एक सदस्य ने एम्बुलेंस, लकड़ी और दाह संस्कार की राशि जमा कराने की बात की। इससे समाजजन ने कोविड-दाह संस्कार की व्यवस्था निकाय की ओर से नि:शुल्क किए जाने की बात भी की। पर, उन्होंने नकार दिया।
गड़बड़ी नजर आने पर राजकीय महारावल उच्च माध्यमिक विद्यालय के अंग्रेजी के प्राध्यापक डा. मोहनलाल कलाल ने अपने सहयोगी को मोबाइल देते हुए रुपए की सौदेबाजी का पूरा वीडियो बनाकर पत्रिका को उपलब्ध करवाया। इसमें नगरपरिषद् के कार्मिकों की मौजूदगी में खुद को चिकित्सा विभाग का ही कार्मिक बताने वाले उमेश ने पूरी सौदेबाजी की और पीडि़त पक्ष से सात हजार रुपए लिए। उनकी बातचीत के प्रमुख अंश…
पीडि़त पक्ष : सभी व्यवस्था तो सरकार ने फ्री की है। अखबार में भी आया था।
उमेश : आपको जो देना हो वह दे, दो इतनी पड़ताल कर रहे हो तो।
पीडि़त पक्ष : आप बता दो किसका कितना देना है लकड़ी का कितना है
उमेश : तीन हजार रुपए
पीडित पक्ष : एम्बुलेंस का कुछ बता रहे थे।
उमेश : 1500 रुपए दे दो
पीडित पक्ष : और कुछ देने क्या..?
उमेश : 2500 और दे दो।
(पीडि़त पक्ष ने बताया कि कुल सात हजार रुपए वसूले। )
पीडि़त पक्ष ने बताया कि हमारे से पूर्व सागवाड़ा के किसी की कोरोना से ही मौत का दाह संस्कार किया गया। उस परिवार से भी आठ हजार रुपए लिए गए। तीन किमी के 1500 रुपए
शव को कोविड-हास्पीटल से सुरपुर मोक्षधाम पहुंचाने के लिए दलाल ने 1500 रुपए लिए। जबकि, कोविड हॉस्पीटल से मोक्षधाम की दूरी बमुश्किल तीन किलोमीटर है। सरकार की ओर से तय दर की बात करे, तो छोटे वाहन की 12.50 रुपए तथा बड़े वाहन की 17.50 रुपए प्रति किलोमीटर ही दर तय है। वहीं, नगरपरिषद् ने भी यह व्यवस्था नि:शुल्क होने का दावा किया है।
सरकार के निर्देशानुसार कोविड-19 संक्रमितों के शव पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार करने के निर्देश हैं। सरकार के आदेश की पालना में डूंगरपुर नगर परिषद् लकडिय़ां आदि सभी सामान उपलब्ध करवा रही है। यदि ऐसा है, तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
– नरपतसिंह राजपुरोहित, आयुक्त, नगरपरिषद् डूंगरपुर
सभी व्यवस्थाएं नगरपरिषद् की ओर से की जा रही है। यदि राशि ली जा रही है, तो जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुरेशकुमार ओला, जिला कलक्टर