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डूंगरपुर

लॉकडाउन में विद्यार्थियों का भविष्य भी ‘लॉक’

डूंगरपुर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते बीरबल की खिचड़ी बन गई हैं। स्थितियां यह है कि मार्च के बाद मई माह भी पूरा गुजरने को आया। पर, अब तक परीक्षा की तिथि घोषित नहीं हो पाई है। ऐसे में स्थितियां यह है कि विद्यार्थी एवं अभिभावक शेष बची परीक्षाओं के इंतजार में टक-टकी लगाए बैठे हैं। परीक्षाओं के संबंध में अधिकृत घोषणा के अभाव में आगामी कॅरियर चयन में भी खासी समस्याएं आ रही हैं।
 

डूंगरपुरMay 29, 2020 / 04:33 pm

Harmesh Tailor

लॉकडाउन में विद्यार्थियों का भविष्य भी 'लॉक'

लॉकडाउन में विद्यार्थियों का भविष्य भी ‘लॉक’

लॉकडाउन में विद्यार्थियों का भविष्य भी ‘लॉक’
– परीक्षाओं की तिथि में विद्यार्थी लगाए बैठे हैं टक-टकी
– माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा का मामला
डूंगरपुर.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते बीरबल की खिचड़ी बन गई हैं। स्थितियां यह है कि मार्च के बाद मई माह भी पूरा गुजरने को आया। पर, अब तक परीक्षा की तिथि घोषित नहीं हो पाई है। ऐसे में स्थितियां यह है कि विद्यार्थी एवं अभिभावक शेष बची परीक्षाओं के इंतजार में टक-टकी लगाए बैठे हैं। परीक्षाओं के संबंध में अधिकृत घोषणा के अभाव में आगामी कॅरियर चयन में भी खासी समस्याएं आ रही हैं।
विभाग भी है मौन
मार्च माह में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के चलते लॉकडाउन प्रथम लगाया गया। इसके बाद लॉकडाउन द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ लगे। इसके मद्देजनर शिक्षण संस्थानों पर भी ताले लगा दिए और परीक्षाएं स्थगित कर दी। उस दौरान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं 12वीं की परीक्षाएं उतराद्र्ध में थी। लेकिन, लॉकडाउन के चलते माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने समस्त शेष परीक्षाएं स्थगित कर दी। पूरे वर्ष भर की मेहनत के बाद परीक्षाएं देने का इंतजार कर रहे विद्यार्थियों के लिए यह निर्णय तत्कालीन समय में चिंता भरा था। लेकिन, अब शेष परीक्षाओं को लेकर सरकार, शिक्षा विभाग एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभी की मौन है। ऐसे में विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर आशंकित है।
यह परीक्षाएं हैं शेष
12वीं में भूगोल, हिन्दी साहित्य, गृह विज्ञान, संस्कृत साहित्य, उर्दू, अंग्रेजी साहित्य, चित्रकला सहित व्यवसायिक विषय के प्रश्न पत्र शेष हैं। वहीं, 10वीं कक्षा में गणित विषय का पर्चा शेष है। जिले में 12वीं में जहां 17 हजार 454 विद्यार्थी तथा दसवीं में 26 हजार 723 विद्यार्थियों को शेष परीक्षाओं का इंतजार है।
यह चुनौतियां बन रही रोड़ा
. जिले सहित प्रदेश में बढ़ता कोरोना संक्रमण का ग्राफ।
. सरकारी विद्यालयों के छोटे कक्षा-कक्षों में सोशल डिस्टेसिंग की पालना।
. विद्यार्थी को कक्षा-कक्ष में आने से पूर्व सेनेटाइज करना।
. परीक्षा-कक्षों में शिक्षकों की लगातार पर्यवेक्षण करना।
. लोक परिवहन सेवाएं बंद होने से विद्यार्थियों को विद्यालयों तक पहुंचना।
परीक्षा होते ही चले जाते हैं सीकर-कोटा
अमूमन जिले के विद्यार्थी 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं संपन्न होते ही आगामी वर्षों या कहे अच्छे कॅरियर की तलाशी में सीकर एवं कोटा शहरों की ओर कूच कर जाते हैं। लेकिन, इस बार स्थितियां यह है कि मई माह उतर्राद्ध तक भी विद्यार्थियों की परीक्षाएं ही नहीं हुई हैं। वहीं, अन्य बड़े शहरों में शिक्षण संस्थानों में जाने की बात ही नहीं रही। ऐसे में विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक खासे चिंतित हैं।
अधिकारी ने कहा…
. शेष रही बोर्ड परीक्षाओं को लेकर नियमित बोर्ड से सूचनाएं मांगी जा रही है। सरकार एवं बोर्ड इस दिशा में जल्द ही कोई निर्णय लेगी। यदि परीक्षाएं होती है, तो बोर्ड के निर्देशानुसार व्यवस्थाएं जमाई जाएगी।
– बंशीलाल रोत, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक

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