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डूंगरपुर

अब तक नहीं ढूंढ पाए कृषि महाविद्यालय के लिए ठिया

कृषि महाविद्यालय के लिए जमीन आवंटन का मामला : गुमानपुरा से गेहूंवाड़ा तक की दौड़- 200 बीघा जमीन की है दरकार, भवन निर्माण के लिए मिले 8 करोड़, जमीन आवंटन नहीं होने से बढ़ी परेशानी

डूंगरपुरMay 25, 2022 / 11:03 am

milan Kumar sharma

अब तक नहीं ढूंढ पाए कृषि महाविद्यालय के लिए ठिया

अब तक नहीं ढूंढ पाए कृषि महाविद्यालय के लिए ठिया

डूंगरपुर. कृषि महाविद्यालय शुरू तो हो गया, लेकिन विभागीय और प्रशासनिक अधिकारी आज तक इसके भवन और अन्य तामझाम के लिए उपयुक्त जमीन नहीं ढूंढ पाए। जमीन की तलाश में गुमानपुरा से लेकर गेहूंवाड़ा (पुनाली) तक की दौड़ लगाई जा रही है। लेकिन, जनप्रतिनिधियों और विभागीय विशेषज्ञों के समन्वय के अभाव में अब तक कहीं पर भी जमीन फाइनल नहीं हो पा रही। इससे महाविद्यालय भवन निर्माण के लिए आए 8 करोड़ रुपए का भी उपयोग नहीं हो पा रहा है।

जमीन के लिए जद्दोजहद
कृषि महाविद्यालय की घोषणा के साथ ही विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने जमीन के लिए कवायद शुरू कर दी थी। डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने महाविद्यालय रेलवे स्टेशन के समीप गुमानपुरा गांव में बनवाने का प्रस्ताव रखा। महाविद्यालय के करीब 200 बीघा जमीन की आवश्यकता है। गुमानपुरा में निर्माणाधीन एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के समीप जमीन चिन्हित की। लेकिन, महाविद्यालय की तीन सदस्यीय विशेषज्ञ टीम ने मौका मुआयना कर इस जमीन को कृषि महाविद्यालय के लिए उपयुक्त नहीं माना। विशेषज्ञों का कहना रहा कि महाविद्यालय में कृषि प्रदर्शन फार्म बनेंगे, इसके लिए खेतीहर और उपजारू जमीन की दरकार है, जबकि गुमानपुरा में अधिकांश जमीन पथरीली और बंजर पहाड़ी है। इसके बाद महाविद्यालय को दो भागों में जमीन आवंटन के लिए भी कवायद हुई। थाणा, दोवड़ा आदि स्थलों पर भी जमीन देखी लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ।

अब 28 किलोमीटर दूर गेहूंवाड़ा में देखी जमीन
महाविद्यालय की जमीन को लेकर दबाव बढऩे पर अब प्रशासन ने एक बार फिर कवायद तेज की है। इसमें गुमानपुरा में महाविद्यालय के प्रशासनिक भवन के लिए 100 बीघा जमीन देने तथा कृषि फार्म सहित अन्य कामों के लिए शेष 100 बीघा जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर पुनाली के समीप गेहूंवाड़ा में जमीन देखी है। हालांकि इसका भी विरोध शुरू हो चुका है। स्वयं डूंगरपुर विधायक इसके पक्ष में नहीं हैं। वे महाविद्यालय को डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र में ही बनवाने के पक्ष में हैं।

महारावल स्कूल के कृषि फार्म पर भी नजर
जमीन की इस जद्दोजहद के बीच प्रशासन की नजर शहर के मध्य स्थित महारावल स्कूल के कृषि फार्म पर भी है। यहां करीब 50 बीघा जमीन उपलब्ध है। प्रशासन ने इस जमीन की एनओसी के लिए भी शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है। यह जमीन मिल भी जाती है तो भी इस मुद्दे का पूर्ण समाधान नहीं होना है, क्योंकि यहां सिर्फ 50 बीघा उपलब्ध है।


यह रहेगा महाविद्यालय का संस्थागत ढांचा
कृषि महाविद्यालय में मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर बहुत लंबा चौड़ा स्ट्रक्चर होता है। इसमें मुख्य कॉलेज भवन के अलावा बॉयज-गल्र्स हॉस्टल, अलग-अलग खेल मैदान, लाइब्रेरी, रिसर्च फाम्र्स के साथ ही १३ अलग-अलग विभाग रहेंगे। इसमें एग्रोनॉमी, सॉइल साइंस, हार्टीकल्चर, प्लांट््स, स्टेटिक्स, पॉल्ट्री, डेयरी, कीट अध्ययन केंद्र सहित कई तरह के फाम्र्स आदि बनेंगे। भविष्य में महाविद्यालय के क्रमोन्नत होने पर अन्य भवन व स्ट्रक्चर तैयार करने होंगे। इस ²ष्टि से महाविद्यालय के लिए एक ही स्थान पर या अधिक से अधिक 8-10 किमी के दायरे में ही जमीन मिले तो ही उपयुक्त है।

राज्यपाल ने किया था शुभारंभ
बजट-2020-21 में मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर जिले में कृषि महाविद्यालय की घोषणा की थी। इसके बाद प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी हुई। इसके तहत डूंगरपुर जिले को 70 सीटें आवंटित हुई। शहर के बादल महल स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में अस्थायी रूप से महाविद्यालय शुरू किया गया। 22 सितम्बर 2021 को राज्यपाल कलराज मिश्र ने वर्चुअल कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय का शुभारंभ किया।

व्यावहारिक रूप से भी अनुचित
महाविद्यालय का प्रेक्टिकल फील्ड २८ किलोमीटर दूर बनाना व्यावहारिक रूप से भी उचित नहीं प्रतीत होता। भले ही बच्चों को अध्ययन के लिए वहां ले जाने के लिए महाविद्यालय वाहन सुविधा की बात कह रहा है, लेकिन प्रतिदिन इतनी दूर आना-जाना समय और ईंधन का अपव्यय ही होगा।

इनका कहना. . .
महाविद्यालय के लिए अलग-अलग जगहों पर जमीन देखी है। गुमानपुरा और थाणा में कृषि फार्म के लिए जमीन उपयुक्त नहीं हैं। गेहूंवाड़ा में जमीन दिखाई है। फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है। महाविद्यालय भवन के लिए आठ करोड़ का बजट प्राप्त हो गया है। जमीन चिन्हित होते ही भवन निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। -नरेंद्र ङ्क्षसह, वाइस चांसलर, कृषि महाविद्यालय

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