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डूंगरपुर

फिर जलाशयों में बिछने को तैयार लाखों टन के्रशर स्लरी

Dungarpurडूंगरपुर.जिले के सरकण क्षेत्र में संचालित क्रेशर गिट्टी प्लांट का लाखों टन मलबा एक बार फिर बरसाती पानी के साथ जलाशयों के पैंदे में बिछने के लिए तैयार है। यह हर बार की कहानी है और हमेशा की तरह इस बार भी खनन विभाग और जल संसाधन विभाग बेफिक्र हैं। प्रशासन आपदा प्रबंधन और जल संसाधन की बंद कमरों में बैठक लेकर ही जिम्मेदारी पूरी मान कर मौन है।

डूंगरपुरJun 28, 2020 / 04:57 pm

Harmesh Tailor

फिर जलाशयों में बिछने को तैयार लाखों टन के्रशर स्लरी

फिर जलाशयों में बिछने को तैयार लाखों टन के्रशर स्लरी

फिर जलाशयों में बिछने को तैयार लाखों टन के्रशर स्लरी
– न खनन और न जल संसाधन विभाग को फिक्र
– प्रशासन भी मौन
डूंगरपुर.
जिले के सरकण क्षेत्र में संचालित क्रेशर गिट्टी प्लांट का लाखों टन मलबा एक बार फिर बरसाती पानी के साथ जलाशयों के पैंदे में बिछने के लिए तैयार है। यह हर बार की कहानी है और हमेशा की तरह इस बार भी खनन विभाग और जल संसाधन विभाग बेफिक्र हैं। प्रशासन आपदा प्रबंधन और जल संसाधन की बंद कमरों में बैठक लेकर ही जिम्मेदारी पूरी मान कर मौन है।
डूंगरपुर-सागवाड़ा मुख्य मार्ग पर सरकण घाटी क्षेत्र में क्रेशर गिट्टी प्लांट संचालित हैं। नियमानुसार इन प्लांट को अपने अपशिष्ट स्लरी का निस्तारण स्वयं करना होता है, लेकिन प्लांट संचालक स्लरी के ढेर लगाए रखते हैं। बारिश के दिनों में यह स्लरी बरसाती नालों में बह कर एनीकट और जलाशयों में पहुंच कर उसकी भराव क्षमता को प्रभावित कर रही है। इस बार भी सरकण घाटी के हर बरसाती नाले की जद में यह ढेर लगे हुए हैं। सभी अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस मार्ग से गुजरते हुए यह सब कुछ देखते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई को तैयार नहीं है।
पहली बारिश में छलक जाते हैं तालाब
सरकण क्षेत्र का बरसाती पानी विभिन्न नालों से होते हुए मारगिया और डीमिया (विजयचक्र सागर) सहित कई अन्य जलाशयों में पहुंचता है। डीमिया शहर में जलापूर्ति का मुख्य स्त्रोत है। इन तालाबों की भराव क्षमता स्लरी जमने से कम हो चुकी है। डीमिया तो पहली अच्छी बारिश में ही छलक जाता है।

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