पुलिस की ओर से बिना वजह जाने सीधे वाहन खड़े कराकर 100-100 रुपए का चालान बनाए जाने की शिकायत पर राजस्थान पत्रिका टीम की साबेला बाइपास के समीप पहुंची। यहां इसी दौरान एक जीप में तीन लोग सवार होकर गुजर रहे थे। कांस्टेबल ने उन्हें रोक हैडकांस्टेबल के पास भेजा। चालक ने हैडकांस्टेबल के पास जाकर पत्नी के गर्भवती होने तथा चिकित्सक को दिखाकर सोनोग्राफी आदि जांच कराकर वापस घर की ओर जाना बताया। उसने चिकित्सक की आज दिनांक की पर्ची, सोनोग्राफी रिपोर्ट आदि भी निकाले, लेकिन पुलिसकर्मी ने उसकी एक नहीं सुनी और दस्तावेज तक देखने को तैयार नहीं हुआ। सीधे चालान बुक पर नाम पता और 100 रुपए अंकित कर थमा दिया। युवक ने भी 100 रुपए निकाल कर दे दिए।
पुलिस की ओर से काटे जा रहे चालान बुक में केवल नाम व राशि अंकित की जा रही है। बाकी सभी कॉलम खाली छोड़े जा रहे हैं। चालान की वजह तक अंकित नहीं की जा रही है।
जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी वाहनधारियों से बिना वजह जाने चालान काटे जा रहे हैं। कस्बे में बेरिकेट लगाकर बैठी टीम हर आने-जाने वाले वाहन को रोककर 100 रुपए की रसीद थमा कर राशि वसूल रही है। इस दौरान चिकित्सकीय कार्य अथवा अन्य आवश्यक कार्य से आनेजाने वाला को भी नही बख्शा जा रहा। जीप चालक का चालान बनाने से पूर्व पुलिसकर्मी ने पत्रिका टीम को भी रोका। मोटरसाइकिल के दस्तावेज मांगते हुए 500 रुपए का चालान कटवाने को कहा। टीम ने सिर्फ 100 रुपए होना बताया तो 100 रुपए का चालान बनाकर थमा दिया।