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डूंगरपुर

हर रोज सवा करोड़ की तम्बाकू खा जाता है डूंगरपुर

डूंगरपुर. कहने को डूंगरपुर जिला आर्थिक रुप से काफी कमजोर है। यहां आर्थिक रुप से कमजोर परिवार अधिक रहते हैं। लेकिन, क्या कोई यह आश्चर्य नहीं करेगा कि डूंगरपुर जिला हर रोज सवा करोड़ रुपए तो तम्बाकू और तम्बाकू मिश्रित गुटखों में ही खर्च कर देता है।

डूंगरपुरMay 31, 2023 / 10:50 am

Harmesh Tailor

हर रोज सवा करोड़ की तम्बाकू खा जाता है डूंगरपुर

हर रोज सवा करोड़ की तम्बाकू खा जाता है डूंगरपुर

हर रोज सवा करोड़ की तम्बाकू खा जाता है डूंगरपुर
सालाना 445 करोड़ रुपए का है आंकलन

डूंगरपुर. कहने को डूंगरपुर जिला आर्थिक रुप से काफी कमजोर है। यहां आर्थिक रुप से कमजोर परिवार अधिक रहते हैं। लेकिन, क्या कोई यह आश्चर्य नहीं करेगा कि डूंगरपुर जिला हर रोज सवा करोड़ रुपए तो तम्बाकू और तम्बाकू मिश्रित गुटखों में ही खर्च कर देता है। सरकार की ओर से जारी किए आंकड़ों पर गौर करें, तो सालाना यह खर्च 445 करोड़ रुपए के पार जाता है। भले ही तम्बाकू जानलेवा है। लेकिन, स्टेट्स सिंबल के रुप में दर्जा पा चुके तम्बाकू और तम्बाकू मिश्रित गुटखे खाने में डूंगरपुर कुछ कम पीछे नहीं है। सरकार एवं स्वयंसेवी संगठनों के स्तर पर लाख प्रयास किए जाने तथा जनजागरूकता अभियानों के बावजूद यहां के लोग बड़े ही चाव से गुटखों एवं तम्बाकू खा रहे हैं। सरकार स्तर पर करवाए गए सर्वे में सामने आ गया कि दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर जिले की बढ़ती आबादी के साथ ही तम्बाकू और तम्बाकू मिश्रित गुटखों, पान-मसाले खाने वाले शौकिनों की संख्या में भी खूब बढ़ोतरी हो रही है। इनें 15 वर्ष व उससे अधिक आयु वाले युवक अधिक हैं। सर्वे में सामने आया कि तम्बाकू खाने वाले जिस गति से बढ़ रहे हैं, उतने ही तम्बाकू से होने वाले रोगों के रोगी भी बढ़ रहे हैं। खासकर कैंसर रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिले में युवाओं के साथ ही वृद्ध और महिलाएं भी तंबाकू व गुटखा खाने में पीछे नहीं है। तंबाकू मिश्रित गुटखा खाने में महिलाओं की तादाद में तेजी के साथ इजाफा हो रहा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो गुटखा पास होना स्टेट्स सिम्बल बन गया है।
प्रदेश में इतने..
राजस्थान में तम्बाकू का सेवन करने वाल उपभोक्ताओं का आंकड़ा एक करोड़ पार पहुंच गया है। प्रदेश में 1.21 करोड़ उपभोक्ता तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। वहीं, बासंवाड़ा जिले में तीन लाख 8397 उपभोक्ता प्रतिदिन एक करोड़ 47 लाख 79 हजार 100 रुपए तम्बाकू मिश्रित उत्पादों पर खर्च कर रहे हैं। इस वर्ष 562 करोड़ रुपए खर्च करने का आंकलन है।
जानलेवा है तम्बाकू
चिकित्सकों के अनुसार तंबाकू के सेवन से रक्त, ब्लैडर, फेफड़ों, लीवर, गुर्दे, पैनक्रियाज, मुंह, गले, लेरिंक्स, किडनी, कोलन, रेक्टम, पेट का कैंसर हो सकता है। फेफड़ों में होने वाले 10 प्रकार के कैंसर में से नौ प्रकार के कैंसर तंबाकू के सेवन से होते हैं।इतना निकलता है हर वर्ष कचरा
प्रदेश में प्रतिवर्ष तंबाकू उत्पादों से उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक का कचरा भी टनों बंद जमा होता है। प्रदेश में सिगरेट से 78.79 टन, बीड़ी से 605.97 टन, तंबाकू से 2323.04 टन प्लास्टिक कचरा एकत्रित होता है। प्रदेश में कुल 3008.06 टन कचरा जमा होता है। वहीं, कागज की सिगरेट से 1213.22 बीड़ी से 515.72, तंबाकू1874.51 टन कचरा जमा होता है।
फेक्ट फाइल
करीब ग्राहक : 244136
प्रतिदिन खर्च राशि : 01 करोड़ 18 लाख 92250 रुपए
प्रतिमाह : 36.60करोड़ रुपए
प्रतिवर्ष : 445 करोड़ रुपए
(स्त्रोत : प्रदेश सरकार द्वारा जारी आंकड़े)

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