डूंगरपुर में हुआ फिल्म पैडमैन का खास असर, प्रशासन ने बनाई सैनेटरी पैड बांटने की योजना
पहले फेज में नॉन स्कूल गोइंग लड़कियों को बांटे जा रहे हैं

डूंगरपुर. जिस सैनेटरी पैड का जिक्र करने में अब तक शर्म महसूस होती थी। अब इसका गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में लड़कियों को वितरण करने का काम शुरू हो गया है। स्वास्थ्य एवं सेहत के लिए सैनेटरी पैड जरूरी है तो फिर शर्म क्यों? चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पैडमैन फिल्म के रिलीज से पहले शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर इसके वितरण की योजना पर काम शुरू कर दिया था।
हालांकि 25 जनवरी को रिलीज होने वाली फिल्म पैडमैन अब नौ फरवरी को देशभर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी। इस फिल्म में लड़कियों के साथ परिवार के अन्य सदस्य को जागरूक करने का संदेश दिया है। नॉन गोइंग स्कूल लड़कियों को सैनेटरी पैड आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं आशा के माध्यम से गांव गांव में वितरित किए जांएगे। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों पीरामल फांउडेशन से आए विद्यार्थियों ने सैनेटरी पैड प्रयोग को लेकर ग्रामीण महिलाओं एवं लड़कियों से बातचीत की थी।
अभी सेहत की नहीं फ्रिक, हो रहे प्रयास
दावा किया जा रहा है कि स्वास्थ्य एवंं सुरक्षा से जुड़े सैनेटरी पैड की जानकारी जनजाति जिले की 10 में से 5 लड़कियों को नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं सैनेटरी पैड के बजाय कपड़े का प्रयोग करती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आशा सहयोगिनी को हर माह गांव स्तर पर बैठक कर जागरूक करने का काम दिया हुआ है, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी है। मेडिकल स्टोर पर कभी दिन में एक तो कभी दिन में दो की बिक्री हो पाती है। अधिकांश दिन ऐसे है जब सैनेटरी पैड की खरीदी के लिए कोई भी नहीं पहुंच पाता है।
चिकित्सक का कहना
महिलाओं, लड़कियों की सेहत एवं सुरक्षा के लिए सैनेटरी पैड जरूरी है। सैनेटरी पैड की जगह कपड़ों का प्रयोग करने से संक्रमण फैलता है। इससे बीमारी का खतरा मंडराता है। सामान्य चिकित्सालय में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को रक्तस्त्राव होने पर नि:शुल्क सैनेटरी पेड़ दिए जाते है। अस्पताल में आपूर्ति सरकार की तरफ से की जा रही है। सैनेटरी पैड का इस्तेमाल नहीं करने वाली लड़कियों में सूजन एव पेटदर्द की शिकायत रहती है।
सतीश श्रीमाली, चिकित्सक, सामान्य चिकित्सालय, डूंगरपुर
कार्य किया जा रहा है
जिले में तीन स्तरों पर सैनेटरी पैड का वितरण किया जाना है। सबसे पहले नॉन स्कूल गोइंग छात्राओं को वितरण किया जाएगा। गांव में आशा एवं एएनएम की तरफ से कार्य किया जा रहा है।
राजेश शर्मा, सीएमएचओ डूंगरपुर
पहले फेज में -
9 लाख 13 हजार 644 पैड का वितरण
उम्र सीमा - 10 से 19 वर्ष
लक्ष्य - नॉन गोइंग स्कूली छात्रा
सामान्य कपड़े के प्रयोग से नुकसान
- संक्रमण का खतरा
- बांझपन होने की संभावना
- एनीमिया रोग का खतरा।
- पेट दर्द एवं गुप्तांग में सूजन की शिकायत
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