scriptअनुच्छेद 370 है क्या, क्या पड़ेगा असर, पढिए पूरी जानकारी | What is Article 370, what will be the impact, read full information | Patrika News

अनुच्छेद 370 है क्या, क्या पड़ेगा असर, पढिए पूरी जानकारी

locationडूंगरपुरPublished: Aug 05, 2019 07:39:07 pm

Submitted by:

Harmesh Tailor

Dungarpur
अनुच्छेद 370 है क्या, क्या पड़ेगा असर, पढिए पूरी जानकारी
– कॉलेज प्रो.उपेन्द्रसिंह, , एसबीपी राजकीय महाविद्यालयडूंगरपुर. राज्यसभा में हंगामे के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने जमू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की घोषणा की। इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। इस पर एसबीपी राजकीय महाविद्यालय के व्यायाता प्रो. उपेन्द्रसिंह से बात की, तो उन्होंने कईमहत्वपूर्ण तथ्य बताए। सिंह बताते है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना एक ऐतिहासिक कदम है। कुछ दिनों से जमू-कश्मीर को लेकर दिल्ली में जो हलचल चल रही थी। उसकी परिणति संसद में गृहमंत्री की घोषणाओं के रूप में हुई। इसमें पहली घोषणा अनुच्छेद 370 के उन्मूलन की थी। इसे लेकर राजनीतिक दलों व बुद्धिजीवी वर्ग में बहस चलती रहेगी। लेकिन, इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि संविधान का यह भाग (21) जिसमें अनुच्छेद 36 9 से 392 तक सिमलित है। अस्थाई व संक्रमणकालीन उपबंधों का भाग है।

news photo

अनुच्छेद 370 है क्या, क्या पड़ेगा असर, पढिए पूरी जानकारी

अनुच्छेद 370 है क्या, क्या पड़ेगा असर, पढिए पूरी जानकारी

– कॉलेज प्रो.उपेन्द्रसिंह, , एसबीपी राजकीय महाविद्यालय
डूंगरपुर. राज्यसभा में हंगामे के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने जमू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की घोषणा की। इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। इस पर एसबीपी राजकीय महाविद्यालय के व्यायाता प्रो. उपेन्द्रसिंह से बात की, तो उन्होंने कईमहत्वपूर्ण तथ्य बताए। सिंह बताते है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना एक ऐतिहासिक कदम है। कुछ दिनों से जमू-कश्मीर को लेकर दिल्ली में जो हलचल चल रही थी। उसकी परिणति संसद में गृहमंत्री की घोषणाओं के रूप में हुई। इसमें पहली घोषणा अनुच्छेद 370 के उन्मूलन की थी। इसे लेकर राजनीतिक दलों व बुद्धिजीवी वर्ग में बहस चलती रहेगी। लेकिन, इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि संविधान का यह भाग (21) जिसमें अनुच्छेद 36 9 से 392 तक सिमलित है। अस्थाई व संक्रमणकालीन उपबंधों का भाग है।
26 अक्टूबर 1947 को जमू-कश्मीर के भारत में विलय के बाद संविधान सभा द्वारा जमू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने के क्रम में 370 को अस्थाई प्रावधान के रूप में जोड़ा गया था। इसका तात्पर्य यह है कि उसी समय यह तय हो गया था कि अनुच्छेद 370 को भविष्य में समाप्त कर दिया जाएगा। यह अनुच्छेद जमू कश्मीर के संबंध में संसद के कानून बनाने की शक्ति को सीमित करता था। मूल रूप से संसद को जमू कश्मीर के लिए सुरक्षा, संचार व विदेशी संबंध के संदर्भ में ही कानून बनाने का अधिकार था। संघ सूची व समवर्ती सूची के अन्य विषयों पर राज्य सरकार की सहमति से ही संसद कानून बना सकती थी। अन्य राज्यों के संदर्भ में ऐसा नहीं है।
इसी से जुड़ा दूसरा मुद्दा है 35 ए का। इसे 14 मई 1954 को राष्ट्रपति ने एक अध्यादेश के माध्यम से लागू किया था। इसे बाद में संसद में विधेयक के रूप में पेश कर इसे कानून बनाने और संविधान में जोडऩे का विचार था। किंतु, राजनीतिक कारणों से ऐसा नहीं हुआ। अत: संवैधानिक दृष्टि से 35 ए तो छह माह बाद यानि 14 नवंबर 1954 को अप्रभावी हो गया था। लेकिन, आश्चर्यजनक तरीके से वह आज तक चलता रहा। 35-ए के कारण जमू कश्मीर का कोई व्यक्ति भारत के किसी भी राज्य में संपति क्रय कर सकता था। नौकरी प्राप्त कर सकता था या स्थाई रूप से बस सकता था। परंतु, शेष भारत का कोई व्यक्ति जमू कश्मीर में यह अधिकार नहीं रखता था। यह आदेश कश्मीरी पुरुषों व महिलाओं में भी भेदभाव करता था। उदाहरण के लिए यदि कोई युवती राज्य से बाहर शादी करती थी तो जमू कश्मीर में उसके सभी पैतृक या कानूनी अधिकार समाप्त हो जाते थे। जबकि, यहीं बात कश्मीरी युवकों पर लागू नहीं होती थी।
अब जबकि अनुच्छेद 370 व आदेश 35 ए को समाप्त करने की घोषणा हो चुकी है, तो इससे पूरे भारत में संवैधानिक व प्रशासनिक एकरूपता स्थापित होगी और उमीद की जानी चाहिए कि संघशासित प्रदेश के रूप में केंद्र सरकार एक दीर्घकालिक रणनीति बनाकर न केवल आतंकवाद को नियंत्रित करेगी। बल्कि, प्रदेश के लोगों को विश्वास में लेकर सबके समेकित विकास के स्वप्न को साकार करेगी। कोई भी बदलाव जनता के कल्याण तथा देश के प्रगति के लिए ही औचित्य रखता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो