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भीषण गर्मी से फट गई धरती, यहां बहती है अविरल जलधारा

यहां चार साल पहले हैंडपंप की खुदाई की गई थी। तब से बिना हैंडल चलाए पानी निकल रहा है। खास बात यह है कि इतने वर्षों में पानी की धार पतली नहीं हुई है

Jun 05, 2015 / 01:36 pm

चंदू निर्मलकर

water source in mahasamund

water source in mahasamund

महासमुंद. भीषण गर्मी से जल स्त्रोत सूख गए। जगह-जगह धरती भी फट चुकी है। लेकिन, एक ऐसा गांव है, जहां अविरल जलधारा प्रवाहित है। सुनने में भले ही आश्चर्य जरूर लगेगा, पर यह हकीकत है।

हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर ग्राम जीवतरा की। यहां चार साल पहले हैंडपंप की खुदाई की गई थी। तब से बिना हैंडल चलाए पानी निकल रहा है। खास बात यह है कि इतने वर्षों में पानी की धार पतली नहीं हुई है। ग्रामीण इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मानते। पूजा-अर्चना भी करते हैं। क्योंकि, प्रदेशभर में पानी की विकराल समस्या है। जंगली जीव प्यास से तड़पकर मर रहे हैं।

इस गांव में ऐसी नौबत कभी नहीं आई। इतना ही नहीं, ग्रामीण इस हैंडपंप को गंगा के रूप में पूजते हैं। पानी मीठा है और नहाने से खाज, खुजली भी दूर हो जाती है। गांव के कार्तिकराम साहू ने इसकी तुलना भगवान शिव की जटा से निकलने वाली गंगा से करते हुए कविता भी लिखी है। गांव की आबादी 8 सौ है। इस गांव में 8 हैंडपंप है। लेकिन स्वमेव बह रहा हैंडपंप के पानी को ही ग्रामीण पीते हैं।

जल संसाधन विभाग ने कर दिया था हैंडपंप को बंद

ग्रामीण बताते हैं कि एक साल पहले जल संसाधन विभाग ने उक्त हैंडपंप को बंद कर दिया। यहां नल-जल योजना लगाने की ठानी। तभी ग्रामीणों ने आवाज मुखर की। इनके दबाव के सामने अफसरों की एक नहीं चली। बाद में हैंडपंप को अपनी स्थिति में छोड़ दिया। हैरानी इस बात की रही कि, विभाग अपने मनसूबे को लेकर ग्रामीणों को देव तुल्य हैंडपंप से दूर रखने की कोशिश की, पर सफल नहीं हुए। तब से ग्रामीणों के संरक्षण में छोड़ दिया।

-दिलीप शर्मा

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