1260 क्विंटल का नुकसान
एंट्री में गड़बड़ी वाले 4500 परिवारों में औसत 4 और सदस्य माने तो करीब 18 हजार नाम कार्डों में छूट गए हैं। पीडीएस में सदस्यों की संख्या व पात्रता के अनुसार 7 से 10 किलो प्रति सदस्य राशन देने का प्रावधान है। प्रत्येक सदस्य का औसत 7 किलो राशन गणना करें तो इन परिवारों को 1260 क्विंटल से ज्यादा खाद्यान्न का नुकसान होगा।
इसलिए खाद्यान्न से वंचित
राज्य शासन ने पारदर्शिता के मद्देनजर आवंटन से लेकर वितरण तक पूरी पीडीएस सिस्टम को ऑनलाइन कर रखा है। ऐसे में राशन वितरण के लिए हितग्राही का नाम खाद्य विभाग के सॉफ्टवेयर में दर्ज होना जरूरी है। इन परिवारों के छूटे हुए सदस्यों के अब तक नाम सॉफ्टवेयर में दर्ज नहीं है। इधर दुकानों में खाद्यान्न वितरण शुरू हो गया है।
अब दोबारा मांग रहे दस्तावेज
खाद्य विभाग द्वारा अब ऐसे हितग्राहियों से आधार कार्ड व दूसरे दस्तावेज दोबारा मंगाए जा रहे हैं। अफसरों का कहना है कि आवेदनों की संख्या ज्यादा होने के कारण बंडलों में संबंधित हितग्राहियों का विवरण खोजना मुश्किल है। खाद्य विभाग के अफसरों के मुताबिक दस्तावेज जा कराने पर ही कार्ड में नाम जोड़े जा सकेंगे।
17 तक मौका नहीं तो वंचित
खाद्य विभाग ने ऐसे राशन कार्डों में नाम जोडऩे के लिए 17 अक्टूबर तक की मियाद तय की है। विभाग ने इस संबंध में सभी निकायों व पंचायतों को निर्देश जारी कर ऐसे प्रकरणों में संबंधित हितग्राही की राशन कार्ड और सदस्यों के आधार कार्ड की फोटो जमा कराने कहा गया है। अफसरों के मुताबिक इसके बाद नाम नहीं जोड़े जाएंगे।
पता तक बदल दिया
परिवारों के सदस्यों के नाम छोड़ दिए जाने के अलावा बड़ी संख्या में हितग्राहियों के पते भी बदल दिए जाने की शिकायत सामने आ रही है। ऐसे ही मामलों के कारण पुलगांव के हितग्राहियों ने नगर निगम के शिविर का बहिष्कार कर राशन कार्ड लेने से ही इनकार कर दिया था। दरअसल इनके कार्डो में पुलगांव की जगह पता पोटियाकला दक्षिण लिख दिया गया है।
20 के बाद राशन
इधर पर खाद्य नियंत्रक सीपी दीपांकर का कहना है जिन परिवारों के सदस्यों के नाम छूट गए हैं, उनके नाम जोड़े जा रहे हैं। ऐसे परिवारों को 20 अक्टूबर के बाद राशन दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए दोबारा नाम जुड़वाना जरूरी है। आवेदन के आधार पर फिलहाल छूटे हितग्राहियों के नाम जोड़े जा रहे हैं।