नगर निगम क्षेत्र में 28 हजार 201 आवासहीन परिवार हैं। इनमें से 25 हजार 507 परिवारों ने पीएम आवास योजना के तहत आवेदन देकर मकान की मांग की है। निगम की जांच में इनमें से 16 हजार 409 परिवार आवास योजना के पात्र भी पाए गए हैं। इनमें से 5 हजार 8 32 को पहले चरण में मकान देने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अब तक केवल 1002 मकानों के निर्माण को स्वीकृति मिल पाई है। इनमें से भी केवल 436 में काम शुरू हो पाया है। शेष आवासों का काम जमीन नहीं होने के कारण अटका है।
खुद की जमीन पर भी नहीं योजना का लाभ योजना के तहत खुद के जमीन पर मकान बनाने के इच्छुक लोगों को भी लाभ नहीं मिल रहा है। मोर जमीन मोर मकान योजना में अब तक केवल आधा सैकड़ा मकान ही बन पाए हैं। जबकि 5000 लोगों को योजना का लाभ देने का लक्ष्य है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने योजना का लाभ देने की मांग की है, ताकि उनके पास भी अपना पक्का मकान हो सके। मोर जमीन, मोर मकान योजना का लाभ भी ज्यादा लोगों को दिया जाए।
88 मकान तैयार पर आवंटन अटका बोरसी में 88 मकान तैयार कर ठगड़ा बांध के हितग्राहियों को दिए जा चुके हैं, सुविधाओं से जुड़ी खामियों के कारण शिफ्टिंग अटक गया है। पानी के लिए ओवर हेड टैंक, बिजली के ट्रांसफार्मर, बाथरूम में फ्लश, दरवाजे-खिड़की और बालकनी में ग्रिल अब तक नहीं लगाया जा सका है। टेंडर शर्त में इसका जिक्र नहीं होने के कारण ठेकेदार ने यह काम छोड़ दिया है।
पक्का मकान सिर्फ कागजों में योजना के तहत स्लम बस्तियों में झोपड़ी की जगह लोगों को पक्का आवास बनाकर देना है। पीएम आवास योजना की तरह यह भी ठीक धरातल पर नहीं उतर पाया है। योजना के तहत कुंदरापारा और सदर नाका शहीद चौक स्लम बस्ती में 3000 यूनिट आवास बनाना है। दो साल में केवल 700 आवास का डीपीआर बनाया जा सका है।
आरआई व पटवारियों से जमीन की जानकारी मांगी
नगर निगम लोककर्म प्रभारी दिनेश देवांगन ने बताया कि नए आवासों को मंजूरी दी गई है। शासन इसके अलावा मकान स्वीकृत कर राशि देने को तैयार है, लेकिन फिलहाल निर्माण के लिए जमीन नहीं मिल रही है। राजस्व विभाग के आरआई व पटवारियों से निर्माण योग्य खाली जमीन की जानकारी मंगाई गई है।