बनेगी 92 किमी सिक्सलेन सड़क
दुर्ग से नया रायपुर के बीच भारत माला परियोजना के तहत करीब 92 किलोमीटर सिक्स-लेन एक्सप्रेस कॉरिडोर बनाया जाएगा। यह सड़क राजनांदगांव के देवादा के पास से नया रायपुर आरंग तक जाएगी। इस बीच सड़क राजनांदगांव, दुर्ग, पाटन, अभनपुर और आरंग तहसील से होकर गुजरेगी। इसके लिए 3 जिले के 2330 किसानों का जमीन अधिग्रहण किया जाना है। जिले के दुर्ग व पाटन ब्लॉक के बीच करीब 44.50 किमी सड़क के लिए 26 गांव के 1349 किसानों की जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव है।
त्रुटियों के कारण अटका मामला
दुर्ग व पाटन दोनों ब्लाक में सितंबर में मुआवजा की गणना कर सॉफ्टवेयर लॉक कर दिया गया था, लेकिन बाद में गणना में त्रुटियों के लेकर आपत्ति के बाद नेशनल हाइवे में सुधार के लिए प्रपोजल लौटा दिया था। अफसरों ने गणना में खसरा नंबर, राशि के निर्धारण, रकबा, परिसंपत्तियों की कीमत, भू-अधिकार संबंधी त्रुटियां कर दी थी। इसमें अब सुधार कर वापस प्रपोजल भेजा गया है।
मूल कीमत पर 12 फीसदी ब्याज
भू-अर्जन संबंधी अधिसूचना के प्रकाशन के 90 दिन के भीतर मुआवजे के भुगतान का नियम है। ऐसा नहीं होने पर मूल कीमत पर 12 फीसदी की दर से ब्याज भुगतान का प्रावधान है। इसके तहत किसानों को अधिसूचना 9 मार्च 2018 से जनवरी 2020 तक का ब्याज भुगतान किया जाएगा।
अब भी कर सकेंगे दावा-आपत्ति
जिला प्रशासन द्वारा मुआवजा का निर्धारण के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3 जी के तहत सार्वजनिक सूचना प्रकाशन कराया जाएगा। इस पर संबंधितों द्वारा निर्धारित तिथि तक दावा-आपत्ति किया जा सकेगा। दावा-आपत्तियों का नियमानुसार निराकरण कराया जाएगा। इसके बाद अंतिम रूप से मुआवजा तय होगा।
अधिकारी गंभीर नहीं
प्रभावित किसान व अधिवक्ता जेके वर्मा का कहना है िक सिक्सलेन सड़क को लेकर जिला प्रशासन व नेशनल हाइवे दोनों के अधिकारी गंभीर नहीं है। जमीन अधिग्रहण को करीब 22 माह हो गए हैं, लेकिन मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाया है। खसरा ब्लाक होने के कारण किसान जरूरत के बाद भी शेष जमीन का उपयोग व बिक्री नहीं कर पा रहे हैं। जल्द से जल्द मुआवजे का भुगतान किया जाना चाहिए।
नहीं होगा किसी का नुकसान
एसडीएम खेमलाल वर्मा ने बताया कि सड़क की जद में आ रही जमीन व परिसंपत्तियों के लिए मुआवजा भुगतान का प्रावधान है। इसके लिए नियमानुसार जमीन व परिसंपत्तियों का मूल्यांकन कर मुआवजे का निर्धारण कर लिया गया है। त्रुटियां में भी सुधार कर प्रपोजल भेज दिया गया है। विलंब की अवधि के लिए ब्याज का प्रपोजल भी भेजा गया है। किसी भी किसान को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।