पेट्रोल-डीजल ओवर स्टॉक
खाद्य निरीक्षक श्रद्धा दिल्लीवार और सुरेंद्र साहू की टीम ने सोलंकी फ्यूल्स उतई में जाच की। यहां पेट्रोल व डीजल दोनों ओवर स्टॉक पाया गया। स्टॉक पंजी में 14 हजार 29 लीटर पेट्रोल होना बताया गया था। वहीं पम्प से 970 लीटर बिक्री किया गया था। इस तरह स्टॉक में 13 हजार 59 लीटर पेट्रोल होना था, लेकिन 13 हजार 78 लीटर पेट्रोल पाया गया। वहीं पंजी में 9 हजार 472 लीटर डीजल दर्ज था। वहीं 2 हजार 174 लीटर मशीन में विक्रय बताया जा रहा था। इस तरह स्टॉक में 7 हजार 298 लीटर डीजल होना था, लेकिन 7 हजार 367 लीटर डीजल पाया गया।
स्टॉक से 509 लीटर कम पेट्रोल
इसी तरह मुक्ता फिलिंग स्टेशन डुमरडीह में निरीक्षक नेहा तिवारी व दीपा वर्मा ने जांच की। जांच में पंजी में 5 हजार 304 लीटर पेट्रोल बताया जा रहा था, वहीं 128 लीटर मशीन से विक्रय किया गया था। वहीं स्टॉक में केवल 4 हजार 667 लीटर यानि करीब 509 लीटर कम पेट्रोल पाया गया। यहां स्टॉक में 17 हजार 425 लीटर डीजल पाया गया, लेकिन दस्तावेज में सही नहीं पाए गए। इस पर सभी पेट्रोल व डीजल जब्त कर लिया गया।
अनुमति से बड़ी स्टोर टैंक
सोलंकी फ्यूल्स की जांच में स्टॉक व दस्तावेज में गड़बड़ी के साथ स्टोरेज टैंक में भी गड़बड़ी पाई गई। संचालक के पास 25 किलोलीटर की स्टोरेज टैंक की अनुमति है, लेकिन यहां 30 किलोलीटर का टैंक पाया गया। इसी तरह यहां के विस्फोटक लाइसेंस में भी भिलाई का पता पाया गया।
दो टैंक लेकिन रिकॉर्ड नहीं
इसी तरह मुक्ता फिलिंग सेंटर के डीजल टैंक में भी गड़बड़ी मिली। यहां डीजल के दो स्टोरेज टैंक पाए गए। नियमानुसार दोनों का रिकॉर्ड अलग-अलग संधारित किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं कर दोनों के लिए आधे-अधूरे रिकॉर्ड संधारित किए जा रहे थे। इन दोनों टैंकरों में 17 हजार 425 लीटर डीजल स्टोर किया गया था।
कलक्टर करेंगे सुनवाई
खाद्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ही पेट्रोल पम्पों के लिए छत्तीसगढ़ मोटर स्प्रिट तथा हाई स्पीड डीजल अनुज्ञापन एवं नियंत्रण आदेश 1980 के तहत प्रकरण तैयार किया जा रहा है। प्रकरण कार्रवाई की अनुशंसा के साथ कलक्टर न्यायालय में पेश किया जाएगा। इस पर सुनवाई के बाद अंतिम निर्णय किया जाएगा।