अभिषेक की हत्या करने के आरोप में जेल में निरुद्ध विकास जैन, किम्सी व अजीत सिंह को न्यायालय गुनाहगार ठहराती या नहीं इसका पूरे शहर को इंतजार है। बहुचर्चित प्रकरण में प्रकरण में अंतिम तर्क और आरोपियों को न्यायालय सुन चुकी है। दोनों ही पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायाधीश को अब इस बहुचर्चित प्रकरण पर फैसला सुनाना है। खास बात यह है कि फैसले के लिए निर्धारित तारीख चौथी पर स्थगित हुई है।
13 दिसंबर
तर्कसुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि वे प्रकरण को अच्छी तरह से अध्यन करना चाहते हैं। इसलिए फैसले की तारीख 28 दिसंबर तक के लिए स्थगित की जाती है।
परिवार न्यायालय में अधिवक्ताओं के प्रदर्शन के कारण काम काज पुरी से प्रभावित रहा। इस वजह से फैसले को 14 फरवरी तक के लिए स्थगित किया जाता है। 14 फरवरी
न्यायाधीश 14 फरवरी को अवकाश पर है। इसलिए फैसले की तिथि बढ़ गई। दोनो पक्ष के अधिवक्ता उपस्थित हुए और 26 फरवरी का दिन निर्धारित किया है।
अभिषेक हत्याकांड की सुनावाईन्यायालय ने 26 फरवरी निर्धारित की थी, लेकिन न्यायाधीश के अवकाश पर होने की वजह से फैसला अब 13 मार्चको होगा। एक नजर अभिषेक हत्याकांड
7 नवंबर 2015 को शंकरा ग्रुप के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा की हत्या करने षड्यंत्र
रचा
9 नवंबर 2015 को अभिषेक मिश्रा को स्मृतिनगर बुलाकर हत्या की गई।
10 नवंबर 2015 को जेवरा चौकी में गुमशुदगी दर्ज।
22 दिसंबर 2015 को पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपी विकास जैन व अजीत सिंह को हिरासत में लिया। पूछताछ में अपराध कबूला।
23 दिसंबर 2015 को पुलिस ने स्मृति नगर से शव बरामद किया।
23 दिसंबर 2015 को पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड लिया
24 दिसंबर 2015 को पुलिस ने किम्सी जैन को दिल्ली से दुर्ग लाई और न्यायालय में प्रस्तुत कर न्यायिक रिमांड लिया।
26 दिसंबर 2015 को विकास जैन व किम्सी जैन के चाचा अजीत सिह को न्यायालय में प्रस्तुत कर न्यायिक रिमांड लिया गया।