वैज्ञानिकों ने ट्विटर को शोधार्थियों के लिए उपयोगी माध्यम बताया
यह अध्ययन ‘एनल्स ऑफ एपिडेमियोलॉजी’ शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
•Dec 12, 2015 / 12:30 pm•
अपने स्वास्थ्य संबंधी शोधों को नीति निर्माताओं तक पहुंचाने का एक असरदार माध्यम है।”
उन्होंने हालांकि कहा कि शोधार्थियों को ट्विटर का बढ़-चढ़कर उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने से पहले बेहतर यह होगा कि इसके प्रभावी उपयोग के लिए प्रमाण आधारित तरीकों का विकास कर लिया जाए।
कैप और उनके सहयोगियों ने पाया कि स्वास्थ्य कानून बनाने से संबंधित सभी व्यक्ति और नीति निर्माताओं के ट्विटर पर खाते हैं और वे उनका अक्सर इस्तेमाल करते हैं।
कैप का सुझाव है कि नीति निर्माताओं के बीच जानकारी फैलाने के लिए शोधार्थियों ट्वीट करना चाहिए, न कि वे उन्हें मनाने या प्रेरित करने की कोशिश करें।
कैप ने बताया, ” अगर वैज्ञानिकों को मालूम है कि उनका शोध किसी विचाराधीन नीति से संबंधित है, तो ट्वीट पर इसका उल्लेख किया जा सकता है। इसके अलावा उन्हें अपने शोध आलेख का लिंक भी ट्विटर पर देना चाहिए।”
कैप के अनुसार, क्योंकि ट्विटर पर केवल 140 अक्षरों में ही अपनी बात कहनी होती है। इसलिए शोधकर्ताओं को समय के साथ संवाद का एक पैटर्न स्थापित करना चाहिए।
यह अध्ययन ‘एनल्स ऑफ एपिडेमियोलॉजी’ शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
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